धनबाद(DHANBAD): जब सरकारी कार्यालयों में झारखंड के मुख्यमंत्री की तस्वीर लग सकती है तो फिर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीर क्यों नहीं. यह सवाल बुधवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉक्टर दिव्या गुप्ता ने धनबाद में उठाया. बुधवार को वह धनबाद के बरमसिया स्थित बाल सुधार गृह का निरीक्षण करने पहुंची थी. निरीक्षण के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि बच्चे एक बार गलती कर दिए हैं लेकिन उन्हें सुधारने का पूरा मौका मिलना चाहिए. बातचीत के क्रम में बाल सुधार गृह की व्यवस्था से वह नाराज दिखी. कहा कि प्रधानमंत्री के आदेश पर यह टीम पूरे देश के बाल सुधार गृह का निरीक्षण कर रही है. मंगलवार को वह देवघर में थी. बुधवार को धनबाद पहुंची, फिर धनबाद से दुमका के लिए चली जाएंगी.
बाल सुधार गृह के कर्मचारी नहीं हैं संवेदनशील
उन्होंने कहा कि कमियों को हम सार्वजनिक नहीं कर सकते लेकिन इसकी रिपोर्ट स्थानीय डीसी और संबंधित लोगों को तैयार कर दी जाएगी. बच्चों से बातचीत पर आधारित उनकी परेशानियों पर रिपोर्ट तैयार होगी. धनबाद बाल सुधार गृह के बारे में इतना जरूर कहा कि कर्मचारियों को यह नहीं मालूम है कि उनका दायित्व क्या है. वह सिर्फ नौकरी करने पहुंच रहे है. कर्मचारी संवेदनशील नहीं है, बच्चों के प्रति चिंता के भाव नहीं है. इसे कभी अच्छा नहीं कहा जा सकता. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य बुधवार को सुबह 10:30 बजे बरमसिया स्थित बाल सुधार गृह का निरीक्षण करने पहुंची.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
