रांची(RANCHI): राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लगातार बेहतर करने की दिशा में राज्य के मुखिया हेमन्त सोरेन कर रहे है.झारखंड के शिक्षा व्यवस्था को देश में सबसे बेहतर करने का संक्लप Cm ने लिया है.साथ ही अब अगर स्कूल के बच्चें टॉप करते है तो शिक्षकों को एक विशेष पैकेज सरकार देगी. साथ ही छात्रों को पढ़ाई करने के लिए विदेश भेजने का काम किया जा रहा है. अब एक नई बदलाव की शुरुआत की गई है.
मुख्यमंत्री हेमन्त ने कहा कि कई काम ऐसे होते है जो काफी महत्वपूर्ण होते है. शिक्षक एक भगवान की भूमिका में होते हैं. बच्चों के भविष्य को बेहतर करने का काम करते है.अलग राज्य के स्थापना के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी गई. यहां के आदिवासी मूलवासी ने एक सपना देखा था जो अब पूरा हो रहा है. राज्य गठन होने के 23 वर्षों बाद भी देश का सबसे पिछड़ा राज्य है. झारखंड खनिज संपदा से भरपूर है. यहां के खनिज से देश रौशन हो रहा है,बड़ी बड़ी कंपनी संचालित हो रही है. लेकिन यह राज्य पिछड़ा है. झारखंड को मजदूरों का राज्य भी कहा जाता है. लेकिन अब दिन बदल रहे है. हम आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित करने का काम कर रहे है. लेकिन जैसे ही हमारी सरकार बनी दो साल हम कोरोना की चपेट में आ गए. दो साल लोगों को बचाने में लगे रहे. इसके बाद थोड़ा कुछ काम शुरू हुआ ही था की ED और CBI की इंट्री हो गई. देश में क्या चल रहा है सभी को मालूम है. इसके बावजूद हम राज्य के लोगों के लिए सेवा में लगे है.
इससे पूर्व जब JPSC पास करने वाले लोगों को नियुक्ति दिया उस समय ऐसे लोग BDO, Co, कलेक्टर बने जिनका घर में चूल्हा BPL के जरिए चलता था.उस परिवार का बच्चा अब अधिकारी बन कर क्षेत्र के गरीब लोगों को सेवा दे रहा है. सिर्फ सरकारी नहीं निजी क्षेत्र में भी सरकार अब लोगों को नौकरी लगा रही है.नौकरी लगने के बाद उनका पूरा डाटा सरकार के पास उपलब्ध है.अब वह बच्चे विदेशों में जाकर काम कर रहे है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सभी सहायक अभियंता को आश्वासन दिया कि शनिवार से उनके पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.उनका इंतजार अब खत्म हो गया है.
CM ने कहा कि झारखंड के बच्चें पढ़ाई के साथ साथ टेक्नोलॉजी के बारे में भी जानेंगे.उन्हें देश दुनिया में क्या हो रहा है उसके बारे में जानकारी जरूरी है.आने वाले दिनों में झारखण्ड की शिक्षा व्यवस्था देश के सबसे अव्वल स्थान पर लाने का काम करेंगे. कहा कि जिस तरह से पहले स्कूल में दो कमरे होते थे उस दो कमरे में सभी विषयों को एक या दो शिक्षक ही पढ़ाते थे,ऐसी शिक्षा व्यवस्था के वजह से राज्य में पिछडे पन का शिकार है. लेकिन अब राज्य के शिक्षा व्यवस्था में नए नए आयाम जुड़ रहे है.जैसे उत्कृष्ट विद्यालय की शुरुआत की गई है. आने वाले दिनों में सभी स्कूल को उत्कृष्ट बनाने का काम करेंगे.
पैसे के अभाव में कोई भी बच्चा शिक्षा से दूर नहीं रहेगा. चाहे उसे बाहर निजी संस्थानों में शिक्षा हाशिल करने की जरूरत होगी तो उसे भी पूरा करने का काम सरकार कर रही है. झारखंड के बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिए पूरा खर्च सरकार उठा रही है. जिन विषय में बच्चें टॉप करेंगे उनके स्कूल के शिक्षक को एक विशेष पैकेज दिया जाएगा. ऐसा उपहार रहेगा कि आप कभी सोच नहीं सकते है.लोग सरकारी योजनाओं को बुरा भला बोलते है लेकिन सभी उंगली एक बराबर नहीं होती है.अब भी अच्छे काम करने वाले की संख्या ज्यादा है.ऐसे में पूरी निष्ठा के साथ सभी लोग शिक्षा के क्षेत्र में काम करें.