☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

सबकुछ इसी तरह चलता रहा तो तीन से चार सालों में धनबाद में नेताओं की नेतागिरी पड़ जाएगी फिकी,जानिए कोल इंडिया की क्या है योजना 

सबकुछ इसी तरह चलता रहा तो तीन से चार सालों में धनबाद में नेताओं की नेतागिरी पड़ जाएगी फिकी,जानिए कोल इंडिया की क्या है योजना 

धनबाद(DHANBAD): धनबाद में पहले कोलियरियों के कब्जे के लिए कत्ल होते थे. उसके बाद कोयला लोडिंग पॉइंट पर कब्जे के लिए गोलीबारी होने लगी. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो तीन से चार वर्षो में कोयलांचल में लोडिंग पॉइंट पर रंगदारी करने की कोई वजह ही नहीं बचेगी. यह अलग बात है कि मजदूरों के समक्ष रोजगार का संकट जरूर पैदा होगा. लेकिन चमकती गाड़ियों पर झकझक खादी चमकाने वालों की चमक भी फीकी पड़ जाएगी. बाउंसर रखकर लोगों को धमकाने वाले भी सहम जाएंगे. उनकी आर्थिक ताकत ही कमजोर हो जाएगी. अनुमान के अनुसार आने वाले तीन-चार सालों में कोयला कंपनियों में कोयला लोडिंग की मैनुअल व्यवस्था लगभग 80% खत्म हो जाएगी. मजदूर एवं पेलोडर से कोयले की लोडिंग नहीं होगी. कोल इंडिया की योजना है कि इस अवधि में  750 मिलियन टन कोयले की लोडिंग मैनुअल के बजाय तकनीकी ढंग से की जाए. इस तकनीक में फर्स्ट मिले कनेक्टिविटी, सायलो एवं रैपिड लोडिंग सिस्टम शामिल है.

फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट का फर्स्ट फेज पूरा

कोल इंडिया सूत्रों के अनुसार फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट का फर्स्ट फेज पूरा हो गया है .इसके तहत 160 मिलियन टन कोयले की लोडिंग हो रही है. फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी के तहत कन्वेयर बेल्ट से सीधे कोयले को कोलियरी की साइडिंग से रैक तक पहुंचाया जाता है. दूसरे चरण के लिए भी काम चल रहा है. काम की गति यही रही तो तीन-चार सालों में सिस्टम बदल जाएगा. धनबाद के बीसीसीएल समेत कई कोयला क्षेत्र में हजारों हजार असंगठित मजदूर कोयला लोडिंग से जुड़े हैं. कोयला माफिया, रंगदारों के लिए लोडिंग पॉइंट अवैध कमाई का सबसे बेहतर जरिया है .लोडिंग पॉइंट पर वर्चस्व के लिए मारा मारी, गोलीबारी आम बात है. मैन्युअल लोडिंग बंद हो जाने से इस सब पर लगाम लग जाएगी. ग्रीन माइनिंग के तहत यह सब प्रयास किया जा रहे हैं .

कोयला चोरी पर लगेगा लगाम 

कोयला चोरी रोकने में भी काफी मददगार यह सिस्टम साबित हो सकता है. कन्वेयर बेल्ट से सीधे कोयले की आपूर्ति रेलवे साइडिंग को होगी. यह अलग बात है कि यह सिस्टम पूरी तरह से वहां लागू होने में परेशानी हो सकती है, जहां कोयले का उत्पादन कम है. लेकिन जहां कोयले का उत्पादन अधिक होता है, वहां कन्वेयर बेल्ट से सीधे कोयल को रेलवे साइडिंग तक पहुंचाया जाएगा. रंगदारी भी वही होती है, जहां कोयले का प्रोडक्शन अधिक होता है. इससे मानवीय पक्ष को अलग कर दे तो फायदे ही फायदे हैं. ओवर बर्डन में मिलावट का खेल खत्म हो जाएगा .कोयला चोरी पर भी अंकुश लग जाएगी. नेताओं की नेतागिरी और दबंगई भी कंट्रोल में रहेगा.

Published at:04 Nov 2023 10:48 AM (IST)
Tags:jharkhand dhanbad coal india coal loading coal india dhanbad
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.