टीएनपी डेस्क (Tnp Desk):-झारखंड में बढ़ता अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा . इसकी बेलगामी से आम जन तो महफूज महसूस नहीं कर रहा है. न ही पुलिस प्रशासन की कोई चपलता-चौकन्नापन इसे रोकने में दिखती है. हद तो तब हो गयी है कि जब खुद सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पुलिस अधिकारियों को फटकार ला चुके हैं और फरमान दे चुके हैं. बावजूद इसका असर जमीन पर नहीं दिखता है. हाईकोर्ट भी कई दफे झारखंड पुलिस से अपराध को रोकने के लिए सवाल कर चुकी है. लेकिन, क्राइम कंट्रोल के नाम पर बस पुलिस ड्यूटी ही बजा रही है. दरअसल, ये बाते हम नहीं खुद झारखंड पुलिस के आंकड़े बता रहें हैं. खासकर, राजधानी रांची में ही जुर्म इतने हो रहें है. जो वर्दिधारियों के कर्तव्य पर प्रश्नचिन्ह लगा देती है. खासकर, जब बात महिलाओं की सुरक्षा को लेकर होती है. तो स्थिति बेहद चिंताजनक और डरावनी दिखती है.
रांची में दुष्कर्म के 106 केस
रांची में ही मानों महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे दिखती है, क्योंकि, पिछले छह महीने में यहां 106 दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं. जो राज्य के अन्य जिलों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. सोचिए जब राजधानी में ही महिलाएं महफूज नहीं हैं, तो राज्य के अन्य जिलों में कैसे कोई खुद को गुंडे, बदमाशों से अपने आप को बचा पायेगा. सबसे सोचने वाली बात ये निकलकर आती है, कि राजधानी रांची में ही तीन एसपी औऱ 19 से अधिक थाने हैं औऱ वही महिलाओं की अस्मत लूटने की सबसे ज्यादा वारदाते हो रही है. लाजमी है कि ये चिंताजनक और गंभीर सवाल खड़े करती है. पुलिस की ओर से जनवरी से लेकर जून तक क्राइम अगेंस्ट वूमन के आंकड़े के अनुसार, छह माह में राज्य में दुष्कर्म के 794 मामले हुए हैं. जिसमें राजधानी रांची में 106 घटनाएं हुई. इन छह महीने में केवल मई ही ऐसा महीना रहा, जिसमे रांची दूसरे नंबर पर रहा है. जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल और जून में बलात्कार के सर्वाधिक मामले रांची में ही दर्ज हुए हैं.
धनबाद में छेड़खानी के 88 केस
पिछले छह महीने में अगर छेड़खानी के रिकॉर्ड देखे तो देश की कोयला राजधानी मानी जाने वाली धनबाद में सबसे ज्यादा 88 छेड़खानी के केस दर्ज हुए. राज्य में कुल 383 छेड़खानी की घटनाएं घटी. पुलिस के आकड़े इस बात की भी तस्दीक करते हैं, कि जनवरी से जून तक राज्य में 2832 लड़किया और महिलाएं किसी न किसी रुप में शिकार हुई है. सबसे चिंताजनक बात ये देखने को मिली की राज्य में 101 बेटियां दहेज के चलते मार दी गई. वही 864 महिलाओं को दहेज के लिए परेशान किया गया. वही 690 बहू-बेटियों का अपहरण हुआ.
पुलिस ने जो आंकडे जारी किए है. जो दर्शाता है कि राज्य में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. महिलाओं को अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है. उनकी नजरें हेमंत सरकार पर टिकी हुई है.