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झारखंडी युवाओं के लिए कैसा रहा 2022 का साल? क्या 2023 में उन्हें होगी नौकरी नसीब! जानिए विस्तार से  

झारखंडी युवाओं के लिए कैसा रहा 2022 का साल? क्या 2023 में उन्हें होगी नौकरी नसीब! जानिए विस्तार से  

रांची(RANCHI): साल 2022 खत्म हो चुका है और नए साल की शुरुआत बस होने वाली है. साल 2022 में झारखंड के युवाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था. क्योंकि साल 2020 पूरी तरह से कोरोना संक्रमण के बीच गुजरा. 2020 में पूरे देश और दुनिया के साथ झारखंड में भी लोगों की जिंदगी लॉकडाउन में गुजरी. ना कोई वैकेन्सी निकली और ना ही कोई नियुक्ति हुई. इसके बाद आया साल 2021. झारखंड सरकार ने इस साल को नियुक्ति वर्ष घोषित किया था, लेकिन इस साल नियुक्ति के मामले में सरकार बुरी तरह से फेल साबित हुई. जिसके बाद राज्य के युवाओं को 2022 में उम्मीद थी कि इस साल जरूर सरकार उनके लिए वैकेन्सी निकालेगी और उनकी नियुक्ति होगी. मगर, क्या सच में 2022 में सरकार उनके उम्मीदों पर खरी उतरी, हम इसी के बारे में आज जानेंगे.

JSSC रहा पूरी तरह सुस्त

2022 में कुछ युवाओं को नौकरी मिली. मगर, इसने ये भी साफ कर दिया कि राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया करने के लिए जिम्मेदार संस्थाएं किसी काम की नही है. JSSC और JPSC ऐसी ही दो संस्थाएं हैं. JSSC का प्रदर्शन 2022 में बहुत ही खराब रहा. एक तो JSSC साल भर सुस्त ही रही. वहीं इस सुस्ती में भी उसे एक बड़ा झटका लगा. झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड नियुक्ति नियमावली-2021 को रद्द कर दिया. इससे जेएसएससी के 20 से अधिक नियुक्ति विज्ञापन रदद् हो गए.

JPSC में इस साल हुई नियुक्तियां

JSSC के जैसे ही JPSC का भी हाल था. मगर, JSSC की तुलना में JPSC का हाल थोड़ा अच्छा रहा. JPSC ने इस साल कई पदों पर नियुक्ति की. 32 सालों बाद जिला कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई. जून 2022 में झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा अनुशंसित 129 पदाधिकारियों को हेमंत सोरेन ने नियुक्ति पत्र सौंपा.

इसके बाद JPSC ने सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा ली. इस परीक्षा के जरिए JPSC ने रिकॉर्ड बनाया और रिकॉर्ड 251 दिनों में 252 सिविल सेवा अधिकारियों की नियुक्ति की गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जुलाई 2022 में इन चयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा. इसके बाद JPSC ने 600 से अधिक पदों पर असिस्टेंट इंजीनियर्स की नियुक्ति की. 180 मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति हुई. इसके साथ ही कुछ अन्य पदों पर भी नियुक्ति हुई. मगर, ये आंकड़ा 1000 से 1500 के बीच ही रहा. इस हिसाब से 2022 में JSSC ने तो एक भी नियुक्ति नहीं की. वहीं JPSC द्वारा तकरीबन 1000 नियुक्तियां हुई. इससे समझा जा सकता है कि 2022 भी राज्य के युवाओं के लिए कुछ खास नही रहा.

2022 में 50 हजार शिक्षकों की नियुक्ति भी होनी थी. इसे लेकर अगस्त 2022 के कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई थी. लेकिन आरक्षण रोस्टर में पेंच के कारण कार्मिक को चार माह भी अधियाचना नहीं भेजी गयी. इसके साथ ही टेट की परीक्षा भी नही हुई. पिछले पांच सालों से टेट की परीक्षा नही हुई है, जो इस साल भी नही हुई. इसके साथ ही पारा शिक्षकों की आंकलन परीक्षा भी नही हुई.

2023 में क्या होगा नौकरी का हाल?

2022 के बाद अब 2023 से युवाओं को सरकार से काफी उम्मीद है. लेकिन 2023 में युवाओं की नौकरी के पीछे एक पेंच फंसा हुआ है. इस करण सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार नए साल में भी राज्य के युवाओं को नौकरी दे पायेगी? दरअसल, ये सवाल इसलिए भी जायज हो जाता है क्योंकि राज्य सरकार की नियोजन नीति-2021 को झारखंड हाई कोर्ट ने रदद् कर दिया है. नियोजन नीति के रद्द होते ही राज्य सरकार की ओर से निकाली गई सारी सरकारी नौकरी रद्द हो गई. ऐसे में रोजगार की आस लिए बैठे हजारों-लाखों युवाओं की उम्मीद में एक बार फिर पानी फिर गया, जिसके बाद युवाओं का विरोध शुरू हुआ. विरोध बढ़ता देख राज्य सरकार के प्रतिनिधिओं ने युवाओं से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार जल्द से जल्द बेरोजगारों को नौकरी देगी. जिसके बाद युवाओं ने धरना खत्म किया. लेकिन सरकार के दावे पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि सरकार कैसे इतनी जल्दी बेरोजगारों को नौकरी देगी?

सरकार को बनानी होगी कानून सम्मत नई नियोजन नीति

बता दें कि राज्य सरकार भले ही बेरोजगारों को नौकरी का वादा देकर कुछ समय के लिए विरोध और धरना बंद करवा दी हो लेकिन ये शांति कब तक कायम रहेगी. ये कहना काफी मुश्किल होगा. क्योंकि सरकार को नौकरी देने से पहले एक नियोजन नीति बनानी होगी और नियोजन नीति कानून सम्मत होनी चाहिए. वहीं, सरकार नियोजन नीति पर स्थानीय और मूलवासियों को प्राथमिकता देने की बात कह रही है. ऐसे में सरकार को कम से कम छह महीने का समय लग सकता है और अगर सरकार बिना देर किए भी सभी काम करती है तो परीक्षा होने में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है.

नियोजन नीति बनने के बाद भी कई अड़चन

सरकार अगर नई नियोजन नीति लाती है तब भी सरकार को कई तरह की अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, JSSC ने पिछले पांच साल में कोई परीक्षा नहीं लिया है. ऐसे में बेरोजगार युवाओं की सरकार से उम्र सीमा में छूट की मांग भी की जा रही है. सरकार छात्रों की कितने बातों पर सहमत होती है ये भी देखने वाली बात होगी. 

सरकार को हो सकती है थोड़ी मुश्किल

नए साल में बेरोजगारों को रोजगार देना सरकार के लिए थोड़ा मुश्किलों से भरा काम हो सकता है. दरअसल, कुछ देर में ही नए साल की शुरूआत हो जायेगी. ऐसे में सरकार को नई नियोजन नीति पहले बनानी होगी, फिर परीक्षा सही से करवाना होगा. उसके बाद सरकार को नियुक्ति देनी होगी और इस पूरी प्रक्रिया में सरकार को कम से कम एक साल लग सकता है. इसमें भी झारखंड का इतिहास है कि कोई भी परीक्षा बिना विवादों के सम्पन्न नही हुई. इस कारण 2023 में भी नौकरी की उम्मीद कम ही दिखाई देती है.

इन पदों के लिए निकाली जा सकती है वैकेंसी

मगर, नौकरी के लिए विज्ञापन की बात करें तो सरकार नियोजन नीति बनाने के बाद 50 हजार शिक्षकों की बहाली निकाल सकती है. इसके साथ ही JSSC की CHSL और CGL के लिए भी वैकेन्सी निकाल सकती है क्योंकि 2023 के बाद तुरंत ही 2024 में चुनाव भी है. ऐसे में सरकार जरूर युवाओं को रोजगार देने की कोशिश करेगी, मगर, नियोजन नीति इसमें एक बड़ा अड़ंगा लगा सकती है.

Published at:31 Dec 2022 03:15 PM (IST)
Tags:JHARKHANDI YOUTH JHARKHAND JOB JOBS IN JHARKHAND JOBS IN 2022 JHARKHAND GOVERNMENT JOB 2022 JPSC JOB JPSC JSSC JSSC JOBS NIYOJAN NITI
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