धनबाद(DHANBAD): आयुष्मान भारत योजना से मरीज के मुफ्त इलाज में अगर इंश्योरेंस कंपनियां मनमानी कर रही है, तो इसे कौन देखेगा. कैसे मरीजों की निजता का हनन नहीं हो, इसकी व्यवस्था होगी. आयुष्मान भारत योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और इसका मकसद है निचले पायदान पर खड़े लोगों को इलाज की सुविधा मुफ्त दिलाना. लेकिन इस योजना के नाम पर इंश्योरेंस कंपनियां मरीजों की निजता से मजाक कर रही है. इस योजना के तहत होने वाली सर्जरी के क्लेम सेटेलमेंट के लिए मरीज के प्रोसीजर वाले अंग के साथ उसके चेहरे की तस्वीर भी ली जा रही है. डॉक्टर इसे पसंद नहीं कर रहे हैं, लेकिन विरोध भी नहीं कर पा रहे है. क्योंकि इससे क्लेम का पैसा फंसने का डर बना रहता है. जरा सोचिए- महिलाओं के ब्रेस्ट, हिप और पाइल्स सर्जरी के दौरान भी यह तस्वीर ली जा रही है. ऐसा दावा लगातार किये जा रहे है. उसके बाद इसे पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है.
डॉक्टर आपत्ति तो कर रहे हैं लेकिन धीमे स्वर में
डॉक्टर आपत्ति तो कर रहे हैं लेकिन क्लेम फंसने के डर से फिर चुप हो जाते है. नियम के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज और उसके सर्जरी का डिटेल्स पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. पहले सर्जरी का क्लेम लेने के लिए सिर्फ प्रोसीजर वाले अंग की तस्वीर ली जाती थी. अब इंश्योरेंस कंपनियां प्रोसीजर वाले अंग के साथ मरीज के चेहरे की तस्वीर को भी अनिवार्य कर दिया है. सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इसके लिए सर्जरी के दौरान एक गैर क्लीनिकल व्यक्ति ऑपरेशन थिएटर में जाकर तस्वीर लेता है. फिर इसे पोर्टल पर अपलोड करता है. डॉक्टर कहते हैं कि इससे मरीजों की निजता खासकर महिला मरीज की , भंग होने का खतरा बना रहता है. मना करने पर कंपनियां क्लेम रोक देती है. इससे अस्पताल का पैसा फंस जाता है और डॉक्टर को मजबूरी में इंश्योरेंस कंपनियों की शर्त को मानना पड़ता है. यह भी कहा जाता है कि पोर्टल पर लोड होने के बाद यह तस्वीर क्लेम सेटेलमेंट के लिए कई लोगों से होकर गुजरती है. ऐसे में इसके वायरल होने की आशंका बनी रहती है.
प्राइवेट मेडिकल इंश्योरेंस कंपनियां ऐसा नहीं करती
डॉक्टर यह भी बताते हैं कि प्राइवेट मेडिकल इंश्योरेंस कंपनियां भी प्रोसीजर वाले अंग के साथ उसके चेहरे की तस्वीर नहीं लेती है. कैशलैस क्लेम में कंपनी का प्रतिनिधि वार्ड या आईसीयू में आकर मरीज को देखता है. जरूरत के अनुसार उसकी तस्वीर लेता है. वहां क्लेम पास होने में कोई समस्या नहीं होती. लेकिन आयुष्मान भारत योजना में यह सब हो रहा है. डॉक्टरों की माने तो आयुष्मान भारत योजना के मिनिमम डॉक्यूमेंट प्रोटोकॉल में प्रोसीजर वाले अंग के साथ मरीज के चेहरे की तस्वीर लेने का कोई प्रावधान नहीं है. जो भी हो, लेकिन यह नियम चल रहा है और इंश्योरेंस कंपनी तस्वीर ले रही है. यह अलग बात है कि आयुष्मान भारत योजना से इलाज कराना भी बहुत आसान काम नहीं है. इलाज करने वालों को परेशानियां झेलनी पड़ती है. अस्पताल वाले भी कई तरह के नियम, कायदे- कानून बताते है. अब देखना है कि इस मामले में सरकार के स्तर पर क्या कार्रवाई होती है. डॉक्टरों के संगठन को भी इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए, सरकार के संज्ञान में इस मामले को लाना चाहिए. जिससे कि मरीज की निजता बची रह सके.
क्या है सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना
केंद्र सरकार द्वारा साल 2018 में गरीब जनता के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई थी. जिसके तहत नागरिकों को ₹5,00,000 तक की निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा प्रदान की जा रही है. योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले नागरिकों को हर साल 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज का लाभ दिया जाता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो