धनबाद(DHANBAD): इस बरसात सावन में धनबाद में बारिश का एक रिकॉर्ड बन गया है. झारखंड में सबसे अधिक बर्षा धनबाद में ही हुई है. जमीन के नीचे आग लगी हुई है, जमीन के ऊपर प्रदूषण का कहर है, बावजूद झारखंड के सभी जिलों में इस साल का सबसे अधिक बारिश धनबाद में हुई है. 825 मिमी बारिश 2024 के बरसात में हो चुकी है. इसके साथ ही धनबाद झारखंड में सबसे अधिक बारिश वाला जिला बन गया है. 703 मिली मीटर बारिश के साथ झारखंड का सिमडेगा दूसरे नंबर पर है. सिर्फ एक महीने में धनबाद में 470 मिली मीटर बारिश हुई है.
धनबाद में प्रदूषण का कहर,जमीन के नीचे आग है
धनबाद में प्रदूषण का कहर है ,जमीन के नीचे आग लगी हुई है, बावजूद झारखंड में सबसे अधिक बारिश धनबाद में होना थोड़ा तो अचंभित करता है. इससे मौसम वैज्ञानिक भी थोड़ा अचंभित है. अगस्त महीने में प्राय हर दिन बारिश हुई है. जिस वजह से धनबाद में बारिश के कारण अलग परेशानी पैदा हुई है. जल निकासी का ठोस इंतजाम नहीं होने से बारिश के कारण मोहल्ले डूब जा रहे है. सड़के डूब जा रही है. कई-कई ऐसे मोहल्ले हैं, जो अभी भी पानी में डूबे हुए है. धैया बस्ती के बगल का मल्लिक मोहल्ला में कोई ऐसा घर नहीं है, जो बरसात के पानी से परेशान नहीं है. कई घरों में तो महीनो -महीनो से पानी लगा है. पानी निकलने का कोई जगह नहीं है.
घर नीचे और सड़के ऊँची होती जा रही है
पानी नहीं निकलने का कारण यह भी है कि सड़क ऊंची होती जा रही है . घर नीचे होते चले जा रहे है. नियम के मुताबिक सड़क को पूरी तरह से खुरेच कर पूर्व ऊंचाई के साथ सड़के बनानी होती है, लेकिन आजकल ऐसा होता नहीं है. न इंजीनियर ध्यान देते हैं और ना विभाग. सड़के ऊंची होने से पानी निकलने का कोई जरिया नहीं बचता. यह भी अलग बात है कि लोग घर बनाने के पहले सड़क के बारे में नहीं सोचते. घर बना लेते हैं, उसके बाद सड़क याद आती है और जब बरसात में परेशानी बढ़ती है, तो हल्ला -गुल्ला होने लगता है. लोग बताते हैं कि धनबाद में पेड़ों की कटाई भी खूब हुई है. पिछले 4 से 5 वर्षों में 20,000 से अधिक पेड़ काटे गए है. पेड़ की कटाई की वजह से इस गर्मी में धनबाद का टेंपरेचर 43 डिग्री से ऊपर रहा. लोग त्राहि -त्राहि करते रहे. वर्ष भी हो रही है तो लोग परेशान है. जमीन के नीचे आग है , जमीन के ऊपर प्रदूषण है ,वृक्षों की कटाई के बावजूद धनबाद झारखंड में वर्षा के मामले में नंबर वन कैसे हुआ ,यह अपने आप में शोध का विषय है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो