दुमका (DUMKA): दुमका शहर के रसिकपुर स्थित जीवन दीप नामक एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गयी. इसके बाद नर्सिंग होम प्रबंधन द्वारा बकाया बिल भुगतान की मांग को लेकर शव को रोक लिया गया. मामले की जानकारी जब एसडीओ कौशल कुमार को हुई तो सदर अंचलाधिकारी को स्थल पर भेजकर मामला शांत कराया.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुरूप जरमुंडी प्रखंड के फुलझरी निवासी मनोज मरांडी यक्ष्मा नामक रोग से पीड़ित था. तबीयत बिगड़ने पर परिजनों द्वारा उसे फूलो झानो मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया. पीजेएमसीएच में इलाज चल रहा था, लेकिन तबियत में सुधार नहीं होने पर परिजनों द्वारा शनिवार की शाम उसे रसिकपुर स्थित जीवन दीप नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गयी. मरीज की मौत के बाद नर्सिंग होम प्रबंधन द्वारा इलाज के दौरान हुए खर्च का भुगतान करने के बाद ही शव को लेकर जाने के लिए कहा गया. परिजनों ने बिल का भुगतान करने में असमर्थता जताई. इसको लेकर माहौल बिगाड़ने लगा.
प्रसासनिक तत्परता से बड़े मामले का हुई पटाक्षेप
जब बिगड़ते माहौल की सूचना एसडीओ कौशल कुमार को मिली. तो मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओ ने सदर अंचलाधिकारी यामुन रविदास को स्थल पर भेजा. सीओ ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद परिजनों को दवाई में हुए खर्च का भुगतान करने को कहा. वहीं नर्सिंग होम प्रबंधन को मानवता का परिचय देते हुए शेष खर्च को माफ करने को कहा. सीओ की बातों को दोनों पक्ष ने मान लिया. बाद में नर्सिंग होम प्रबंधन द्वारा एम्बुलेंस उपलब्ध कराया गया जिससे शव घर तक पहुचाया गया. इस तरह प्रशासनिक तत्परता से एक बड़े मामले का पटाक्षेप हो गया.
रिपोर्ट. पंचम झा