धनबाद (DHANBAD): हम जमीन देंगे, हम 3 साल में पैसे को दोगुना कर देंगे, हर महीने आपको मोटी रकम देंगे. यह आश्वासन देकर कम से कम धनबाद कोयलांचल सहित झारखंड ,बंगाल के हजारों लोगों की राशि चिटफंड कंपनियों,नन बैंकिंग कम्पनियों ने "लूटी" है. एक समय था, जब धनबाद के निरसा से मैथन होते हुए आसनसोल तक सड़क के किनारे चिटफंड कंपनियों के ऑफिस खुले हुए थे. लेकिन आज यह सब ऑफिस लापता है. झारखंड और बंगाल के हजारों निवेशकों के करोड़ों रुपए लेकर कंपनियां फुर्र हो गई .
चिटफंड और नन बैंकिंग कम्पनियों का फैला था जाल
यह कंपनियां लोगों से पैसा लेने के लिए एजेंटो की बहाली कर रखी थी और वही एजेंट, लोगों को प्रलोभन देते थे और उसके बाद कंपनियों में राशि जमा कराते थे. धनबाद के मैथन से सटे बंगाल के बराकर और आसनसोल में ब्रांच खोले गए थे. लोगों को प्रलोभन देकर राशि जमा कराई जाती थी. झारखंड हाई कोर्ट ने चिट फंड और नॉन बैंकिंग कंपनियों द्वारा निवेशकों से वसूले गए रुपयों को लौटाने को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तीन सदस्य वाली उच्चस्तरीय समिति बनाने का निर्देश दिया है.
जानिए समिति में कौन कौन रहेंगे
समिति के अध्यक्ष हाई कोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस होंगे. समिति में रिटायर चीफ जस्टिस के अलावा सेक्रेटरी बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू और सीबीआई के डीआईजी रैंक के एक अधिकारी भी सदस्य होंगे. यह उच्चस्तरीय समिति चिट फंड कंपनियों में जमा छोटे निवेशकों के पैसे वापस दिलाने का प्रयास करेगी. राज्य सरकार को 45 दिनों के भीतर समिति के गठन संबंधी अधिसूचना जारी करनी है. मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को निर्धारित की गई है. आपको बता दें कि पहले सीआईडी आईजी की अध्यक्षता में 6 सदस्य समिति गठित करने के राज्य सरकार के निर्णय को कोर्ट ने नहीं माना था. कोर्ट को बताया गया कि निवेशकों के पैसे लौटाने को लेकर राज्य सरकार एक आयोग बनाए, दूसरे राज्यों में समिति बनाकर लोगों के पैसे लौटाये जा रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो