देवघर(DEOGHAR):श्रावण मास शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम महीना माना जाता है. श्रावण महीना शुरु हो गया है. आज 4 जुलाई को सावन का पहला दिन है. कांवरिया पथ से लेकर मंदिर तक पूरा माहौल शिवमय और केसरियामय हो गया है. सुल्तानगंज उत्तर वाहिनी गंगा से गंगा जल उठाकर श्रद्धालु 105 किलोमीटर की यात्रा कर बाबा बैद्यनाथ का जलार्पण कर रहे हैं.
इस साल भी अरघा सिस्टम से जलार्पण की है व्यवस्था
इस वर्ष भी अरघा सिस्टम से ही जलार्पण की व्यवस्था को श्रद्धालु काफी सराह रहे है. पहले दिन ही श्रद्धालुओ की उमड़ी भीड़ से अंदाजा लगाया जा रहा है कि लाखों की संख्या ने प्रतिदिन श्रद्धालु बाबा का जलार्पण करेंगे. सभी ज्योर्तिलिंगो में बाबा बैद्यनाथ की विशेष महत्व है, इसलिए यहां आनेवाले श्रद्धालु जो भी मनोकामना मांगते हैं वो पूर्ण हो जाता है.
आज से दो महीने तक स्पर्श पूजा बंद
सभी पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक मनोकामना लिंग के रूप में जाना जाने वाला देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ का स्पर्श पूजा का काफी महत्व है. लेकिन सावन माह में अत्यधिक भीड़ उमड़ने की वजह से हर कोई बाबा का जलार्पण नहीं कर पाते हैं. ऐसे में सभी श्रद्धालुओं का जल बाबा पर अर्पण हो इसके लिए अरघा सिस्टम की व्यवस्था की गई थी. गर्भ गृह के मुख्य द्वार पर अरघा लगा दिया जाता है. इसी अरघा में श्रद्धालु जल अर्पण कर बाबा को देख सकते हैं. इसके अलावा मुख्य मंदिर के बाहर भी अरघा लगाया जाता है. इस अरघा में भी जलार्पण करने से जल सीधा बाबा पर ही चढ़ता है. आज से बाबा मंदिर में स्पर्श पूजा 30 अगस्त तक बंद हो गया है. सावन,पुरुषोत्तम और फिर सावन मास लगने के कारण बाबा अपने भक्तों को दूर से ही दर्शन दे रहे है.
सुलभ,सुरक्षित, कतारबद्ध तरीके से जलार्पण की श्रद्धालु कर रहे सराहना
सावन महीने के पहले दिन से ही अहले सुबह से जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री, एसपी सुभाष चन्द्र जाट की ओर से मंदिर सहित पूरे रुट लाइन का जायजा लिया जा रहा है. कांवरिया पथ से लेकर मंदिर और मेला क्षेत्र की हर गतिविधियों पर इनकी ओर से नजर बनाई जा रही है. सुरक्षा के तौर पर बाबा मंदिर से लेकर सभी संभावित स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. शिव गंगा में एनडीआरएफ की भी तैनाती की गई है. मंदिर में केंद्रीय बल के साथ झारखंड पुलिस की ओर से सुरक्षित और कतारबद्ध तरीके से सुगम ऑन विनम्रता के साथ श्रद्धालुओं का जलार्पण सुनिश्चित कराया जा रहा है. प्रशासन की ओर से मिल रही सुविधाओं का श्रद्धालु जमकर सराहना कर रहे हैं.
17 जुलाई को ज्यादा भीड़ जुटने की संभावना
आज पहला दिन है, लेकिन आनेवाले दिनों में और अत्यधिक भीड़ उमड़ने की संभावना है. खासकर 17 जुलाई को दूसरी सोमवारी है. दिन और तिथि के अनुसार सोमवार, अमावस्या,संक्रांति तीनों एक साथ कई वर्षों के बाद पड़ा है. इस दिन रिकॉर्ड श्रद्धालुओं का देवघर आगमन होने की संभावना है. इसी दिन जिला प्रशासन के लिए परीक्षा की घड़ी साबित होगी.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा