टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- जमीन घोटाले के आरोप में हेमंत सोरेन अभी न्यायिक हिरासत में है और लगातार जेल में ही रहकर अपनी बेगुनाही की लड़ाई लड़ रहें है. उनकी गैरमोजूदगी में पत्नी कल्पना सोरेन उनकी हिम्मत बनीं हुई है और उनका साथ दे रही है. हेमंत सोरेन के सोशल मीडिया को भी कल्पना ही अभी हैंडल कर रही है.
केजरीवाल से फोन पर बात
तमाम राजनीतिक समीकरण और गतिविधियों को भी कल्पना देख रही है औऱ लगातार अपने पति के हक के लिए हुंकार भरने के साथ ही लड़ाई भी लड़ रही है. कल्पना ने हेमंत सोरेन के सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा कि उनकी फोन पर बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात हुई . उन्होंने केजरीवाल को शुक्रिया अदा किया कि इस मुश्किल घड़ी में झारखंडी योद्धा हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार के साथ हैं. इस दौरान कल्पान सोरेन ने केन्द्र सरकार और बीजेपी पर जमकर प्रहार करने से भी नहीं चुकी . उनका कहना था कि आज इनके षडयंत्र को पूरा देश देख रहा है , किस तरह झारखंड के साथ-साथ दिल्ली और अन्य गैर-भाजपा शासित राज्यों में लोकतंत्र को तार-तार किया जा रहा है. उन्होंने केन्द्र और बीजेपी के इस षंडयंत्र के खिलाफ मिलकर मुकबाला करने की बात कही.
हेमंत को हौंसला दे रही कल्पना
आपको बता दे कल्पना सोरेन पहले कभी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होती रही है. एक वक्त उनके झारखंड के मुख्यमंत्री बनने की भी चर्चा काफी तेज थी . लेकिन, ऐसा नहीं हुआ, चंपई सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाने के लिए सभी ने हामी भरी.
हालांकि, हेमंत सोरेन की ईडी की गिरफ्तारी से पहले कल्पना को विधायक दल की बैठक में देखा गया था. इसके बाद लग गया था कि उनकी सियासी गतिविधियां आने वाले दिनों में दिखेगी. इसके बाद एक वाक्या या भी हुआ कि जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा रांची से गुजरी, तो राहुल ने हेमंत सोरेन के आवास में जाकर कल्पना से मुलाकात की .
राजनीतिक गतिविधियों पर कल्पना की नजर
समय-समय पर हेमंत सोरेन के एक्स एकाउंट पर विरोधियों पर गरजती नजर आती है और अपने पति हेमंत सोरेन को झारखंडी योद्दा बताकर हौंसला अफजाई करती है. हेमंत की अनुपस्थिति में कल्पना घर के साथ-साथ अपने पति की राजनीतिक कामकाजों को भी संभाल रही है. आने वाले वक्त में लगता है कि उनकी एंट्री भी सियासत में तय है.
मौजूदा वक्त में चंपई सोरेन सरकार तो बन गयी है, लेकिन लगातार अस्थिरता सरकार को घेरे हुए हैं. महगठबंधन की सहयोगी कांग्रेस में ही 12 विधायकों ने बगावत कर दिया है. लिहाजा, ऐसी स्थिति में महागठबंधन को एकजुट रहना अभी सबसे बड़ी चुनौती बनीं हुई है. हेमंत की अनुपस्थिति में कल्पना अब मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी नजर रख हुए हैं. कुछ दिन पहले मंत्रिमंडल में शामिल हुए हेमंत के छोटे भाई बसंत को भी उन्होंने बधाई दिया. उनकी नजर भी मौजूदा सियासी घटनाक्रम पर बनीं हुई है.