टीएनपी डेस्क (TNP DESK):- झारखंड सरकार मेधावी छात्रों की पढ़ाई के लिए विदेशी विश्वविद्यालय में भेजने के लिए तैयार है . बस छात्र सिर्फ पढ़ाई में मन लगाए. उनका सरा खर्च सरकार उठायेगी. आने-जाने से लेकर,रहने-खाने तक जितना खर्चा भी आएगा झारखंड सरकार इसे वहन करेगी . मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य के प्रतिभावान छात्र पीएचडी, एमफिल और डी.लिट करने के लिए 100 विदेशी विश्वविद्यालयों में भेजे जाएंगे. सरकार इस योजना को जल्द ही धरातल पर उतारेगी. हालांकि, सीएम ने यह नहीं बताया कि विदेश जानेवाले ऐसे बच्चों का चयन का क्या मापदंड होगा. लेकिन, अंदरखाने से खबर है कि पहले चरण में एसटी-एससी छात्रों को प्राथमिकता मिलेगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की घोषणा
शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन के हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसटी-एससी, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक वर्ग से आनेवाले 25 छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में आने के बाद राज्य की शिक्षा व्यवस्था के बारे में अध्ययन किया, तो पता चला कि इसे ताश के पत्ते की तरह बनाया गया है. इसमें थोड़ा भी छेड़छाड़ हुआ तो यह भरभरा कर गिर जाएगा. अचानक यू-टर्न लेना कठिन था. ऐसे समय में धीरे-धीरे इसमे सुधार कर उत्कृष्ट विद्यालय खोले गए. टीचर्स की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. छात्रों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, जिसमें उनकी सारी जिम्मेवारी सरकार उठाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए उच्च शिक्षा के लिए छात्र 15 लाख तक का बैंकों से शिक्षा लोन ले सकते हैं.
16 करोड़ खर्च करेगी झारखंड सरकार
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति के तहत, इस बार 25 छात्रों को आयरलैंड और इंग्लैंड में पढ़ने के लिए भेजा गया है . इनकी दो साल की पढ़ाई का खर्च 16 करोड़ रुपए होंगे. इनमें से तीन छात्रों को ब्रिटिश सरकार की ओर से शिवनिंग स्कॉलरशिप दिया गया है. ब्रिटिश हाई कमीशन की सुप्रिया चावला ने बताया कि अगली बार छह छात्रों को शिवनिंग स्कॉलरशिप दिया जाएगा.मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृति का यह तीसरा बैच है। पहले साल मात्र 6 छात्रों को स्कॉलरशिप मिली थी, दूसरे साल 19 और इस वर्ष 25 बच्चों को यह छात्रवृति मिली .