टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड में रोजगार एक बड़ा मुद्दा है. इसके लपेटे में राज्य के खिलाड़ी भी हैं. वो खिलाड़ी जिनसे राज्य का नाम रौशन हो रहा है, वो खिलाड़ी जिनका काफी योगदान है. झारखंड राज्य भारत का एक प्रमुख खेल केंद्र है. यहाँ के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा और मेहनत से पूरी दुनिया में मशहूर हैं. इस राज्य के क्रिकेट, हॉकी, तीरंदाज़ी, बैडमिंटन, और कई अन्य खेलों में खिलाड़ियों का महत्वपूर्ण योगदान है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन किया है. मगर इसके बावजूद जब बात इन खिलाड़ियों के रोजगार की आती है तो उन्हें इसके नाम पर खोखले वादे ही मिलते हैं.
कई खिलाड़ियों का रहा बड़ा योगदान
नौकरी के नाम पर इन खिलाड़ियों के हाथ खाली हैं. ऐसे में यह खिलाड़ी झारखंड छोड़ कहीं और बस गए हैं. यह कहने और सुनने में ही अपने आप में शर्मनाक है झारखंड सरकार जिस तरह खिलाड़ियों को रोजगार अथवा नौकरी में प्राथमिकता नहीं दे रही है ऐसे में यहां के खिलाड़ी मजबूर होकर दूसरे राज्य में अपना बसेरा बसा लिया है. इस राज्य के कई खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है. यहां से महेंद्र सिंह धोनी, दीपिका कुमारी, सुमन बेक, साइना नेहवाल और जयपाल सिंह मुंडा जैसे बेहतरीन खिलाड़ी बने है. जिनका अपने जन्मभूमि पर बहुत बड़ा योगदान रहा है.
23 सालों में सिर्फ 44 खिलाड़ियों को नौकरी
ऐसा कोई खेल नहीं है जहां झारखंड के युवा ने अपनी काबिलियत ना दिखाई हो. मगर इसके बावजूद इन 5 सालों के अंदर कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अब इस राज्य में नहीं है. सरकार की एक लापरवाही ने कई खिलाड़ियों का मनोबल तोड़ दिया है. आंकड़ों के हिसाब से पिछले 23 सालों में सिर्फ 44 खिलाड़ियों को ही नौकरी मिली है. न जाने कितने खिलाड़ी अभी भी नौकरी की तलाश में है यहां वह लोग भी हारे हुए हैं जिनका इस राज्य में योगदान है.
जाने कब एक्शन में आएगी सरकार
वही 2021 तक 39 खिलाड़ियों को नौकरी मिली है. ऐसे में खिलाड़ियों की ये स्तिथि सरकार पर एक बड़ा सवाल है. आखिर कब तक यहाँ के युवा रोजगार के लिए भटकते रहेंगे. कब तक सड़क पर ये अपनी मांग को लेकर आंदोलन करते रहेंगे, और कब तक सारकार की कानों तक इनकी आवाज पहुंचेगी. कही ऐसा न हो सरकार के कान तक इनकी बात पहुँचने में इतनी देर हो जाए कि बचे हुए खिलाड़ियों का भी मनोबल टूट जाए और वो राज्य छोड़ने पर मजबूर हो जाए.