रांची (RANCHI) : हेमंत सोरेन और ED के बीच मानो आख मिचौली चल रही है. अब तक ईडी सीएम को 4 बार समन जारी किया है मगर वो एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे. इसी बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटकाया है. दरअसल हेमंत सोरेन ने ईडी की कार्रवाई से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा उस याचिका को खारिज कर दिया गया था. वहीं दायर याचिका में हाई कोर्ट ने ये बताया है कि इसमें कुछ त्रुटियाँ है. इस बात के सामने आने के बाद अब इसपर सियासत बढ़ गई है.
झारखंड हाईकोर्ट ने अधिवक्ता का बयान
सीएम हेमंत सोरेन के ईडी से जुड़ी याचिका में डिफेक्ट से जुड़े मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने अधिवक्ता ने बताया , किसी भी याचिका को दायर करने में जो त्रुटि रह जाती है उसे डिफेक्ट कहा जाता है. ये आम तौर पर किसी स्पेशल केस में होता हो ऐसा नहीं है. त्रुटि के बाद कुछ समय दिया जाता है , ताकि निश्चित समय के अंदर त्रुटि को समाप्त कर लिया जाए , और याचिका सुनवाई योग्य हो.
ईडी का अपना क्षेत्राधिकार है
सीएम हेमंत सोरेन से जुड़ी याचिका भी कोर्ट के लिए एक आम याचिका ही है. त्रुटि में सुधार के बाद सुनवाई होती है. कानूनी तौर पर मामला जब न्यायलय में चला गया है तो न्यायालय के फैसले का तो इंतजार करना ही होगा , वहीं सुनवाई का इंतजार भी करना होगा. इसमें ईडी अपने स्तर से अपना काम करेगी , ईडी का अपना क्षेत्राधिकार है. डिफेक्ट के बाद हो रही राजनीतिक बयानबाजी पर हाईकोर्ट के अधिवक्ता न कहा सीएम राजनीतिक व्यक्ति हैं , उनका पद राजनीति से जुड़ा है तो राजनीतिक लोग अपने अपने चश्मे से देखते हैं , न्यायालय अपने चश्मे से देखता है.