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जूते पर बना है 158 साल पुराना ये पुल, आइये जानते हैं इसकी रोचक कहानी 

जूते पर बना है 158 साल पुराना ये पुल, आइये जानते हैं इसकी रोचक कहानी 

धनबाद(DHANBAD): जूता पर पुल और वह भी 150 साल पुराना , यह सुनकर आप आश्चर्य में जरूर पड़ गए होंगे लेकिन मामला कुछ ऐसा ही है. नई दिल्ली -कोलकाता रेल मार्ग पर प्रयागराज से नैनी को जोड़ने वाला यमुना ब्रिज पर यह सब आपको आज  दिख जाएगा.  यह पुल  अंग्रेजों की देन है और अब यह रेलवे का हेरिटेज भी बन गया है. 15 अगस्त को यह 158 साल का हो जाएगा.  अंग्रेज निर्मित इस पुल  की खासियत यह है कि 17 में से एक पाया जुते के आकार का है. ऐसा क्यों है, इसके पीछे भी है एक रोचक कहानी बताई जाती है.  

ढह जाते थे पिलर ,इसलिए जूते के आकर का बनाया गया 

 एक विशेष स्थान पर पानी के तेज बहाव के कारण पिलर ढह  जाते थे, इसके बाद इंजीनियरों ने  माथापच्ची की और उस स्थान के पिलर को जूते का आकार का बना दिया.  ताकि तेज पानी के बहाव से भी पिलर  की सेहत पर कोई असर नहीं पड़े.  यह  पिलर देखने में अद्वितीय लगता है.  आज भी इस पुल  की एक विशेषता यह भी है कि इसमें सबसे ऊपर रेल गाड़ी चलती है, तो उसके नीचे बने रोड से वाहन गुजरते हैं और सबसे नीचे जमुना नदी पर नाव चलती है.  पहले इस  पुल पर सिर्फ रेल चलती थी, बाद में इसके नीचे सड़क बनाई गई.  2004 तक प्रयागराज से नैनी के लिए भारी और हल्के वाहन इसी पुल  से गुजरते थे. 
 
2004 के बाद भरी वाहनों के आवाजाही पर लगा दी गई है रोक 
 
2004 में यमुना पर नया ब्रिज बनने के बाद इस  पुल पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया.  रेलवे की धरोहर में शामिल इस पुल पर अब सिर्फ हल्के वाहन चलते है. लेकिन  रेल मार्ग पर आज भी ट्रेन दौड़ती है.  पहले रेल मार्ग सिंगल था लेकिन निर्माण के लगभग 50  साल बाद  रेल लाइन को डबल किया गया.  2013 में पुल  की मरम्मत कराई गई थी. यह बात सही है कि अंग्रेजों ने अच्छी तकनीक से कई ऐसे निर्माण कार्य किए जो आज धरोहर बने हुए है.  हालांकि बहुत चीजों को अब गैर जरूरी बताकर डिस्मेंटल किया जा रहा है.  उन्हें  धरोहर के रूप में विकसित नहीं किया जा रहा है.  धनबाद के दो उदाहरण  सामने है.  धनबाद में एक डायमंड क्रॉसिंग थी, जिसे अब खोल कर हटा लिया गया है, दूसरा काठ  फूल था.  जो की पूरी तरह से लकड़ी का बना हुआ था.  अभी हाल ही में उसको डिस्मेंटल कर वहां नया पुल बनाया जा रहा है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो 

Published at:25 Jul 2023 05:47 PM (IST)
Tags:dhanbadangarejbridge150 yearsheritage
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