रांची(RANCHI): अब तक आपने झारखंड में खनन में लूट की कई कहानियां सुनी होगी. इसी लूट को निशाने पर लेते हुए केन्द्रीय ग़ृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि झारखंड में मंत्री बनते ही हाथ से नहीं रेल और ट्रैक्टर से लूट की शुरुआत होती है. कुछ ही दिनों में मंत्री मालामाल हो जाता है. लेकिन यह मामला कुछ दूसरा है, यहां मामला स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा है और कथित रुप से लूट हुई है टीबी की दवाओं की.
IGRA Test for Latent TB की निविदा का मामला
दरअसल यह मामला टीबी उन्मूलन के लिए NTEP (National TB Elimination Programme) के द्वारा निकाली गयी IGRA Test for Latent TB की निविदा का है. इसकी अंतिम तिथि 23/12/2022 थी. इस निविदा में Path Kind Labs, JITM Skills Pvt. Ltd. Labs Services, BIOGENE Labs India Pvt. Ltd. और Micropraxis Labs जैसी कंपनियों ने भाग लिया था.
Path Kind Labs के द्वारा निर्धारित तिथि तक EMD (Earnest Money Deposit) की राशि नहीं जमा किये जाने के कारण Path Kind Labs की निविदा को छोड़ कर बाकी तीन कंपनियों की निविदा को खोला गया.
निविदा समिति को JITM की निविदा में गड़बड़ी नजर आयी
लेकिन बाद में निविदा मूल्यांकन समिति को JITM की निविदा में कुछ गड़बड़ियां नजर आयी. जिसके बाद JITM और अन्य दूसरी दो कंपनियों को दिनांक 27/01/2023 को कार्यालय में मूल कागजात के साथ उपस्थित होने को कहा गया. बावजूद इसके JITM की निविदा में विरोधाभास को दूर नहीं किया जा सका. जबकि बाकी की दो कंपनियों के कागजात का निविदा मूल्यांकन समिति के द्वारा सत्यापन कर दिया गया. लेकिन कुछ दिनों के बाद हैरतअंगेज तरीके से JITM को एक बार फिर से अपना कागजात सक्षम समिति के समक्ष रखने का प्रस्ताव दे दिया गया.
घूमने लगी संदेह की सूई
यहीं से संदेह की सुई घूमने लगती है. आखिर JITM को बार-बार यह अवसर क्यों दिया जा रहा है? इसके पीछे कोई और खेल तो नहीं? आखिर इस मेहरबानी का कारण क्या है? इधर दावा यह किया जा रहा है कि इस कंपनी को राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार