गुमला(GUMLA): गुमला जिला के विभिन्न इलाकों में मौजूद ग्रामीण बाजार हाट सरकार की उदासीनता की वजह से पूरी तरह से बदहाल स्थिति में है.इस स्तिथि को देखकर लगता है कि सरकार और जिला प्रशासन किसी को इसकी चिंता है.अब तो ग्रामीणों भी मान चुके है कि उनको लेकर कोई भी चिंतित नहीं है.आज केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों ग्रामीणों की समस्या को लेकर गंभीर होने का दिखावा करते हैं, लेकिन उनकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक व्यावस्था का केंद्र माना जाने वाला बाजार हाट पूरी तरह से बदहाल स्तिथि में है.
कभी यहां रोजाना सजती थी दुकानें
आपको बताये कि एक समय था कि यही वह जगह थी जहां से गांव की अर्थव्यवस्था संचालित होती थी. बात अगर गुमला जिला की करे तो यहां दो सौ से अधिक ग्रामीण बाजार हाट हुआ करता था. जो पूरी तरह से व्यवस्थित था, लेकिन सरकारी उदासीनता ने इसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है.अब इसकी खबर तक लेनेवाला कोई नहीं है.गुमला जिला के बारहों प्रखंडों में स्थित इन बाजारों से जहां ग्रामीण की रोजी चलती थी, तो वहीं इससे सरकार को राजस्व भी प्राप्त होता था.
आज अधिकांश बाजार हाट के शेड पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है
वहीं आज अधिकांश बाजार हाट के शेड पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है, ना तो बारिश का पानी से ही बचाव हो पायेगा, ना ही गर्मी से ही लोगो को बचाव होगा.यही कारण है कि इन बाजार हाटों को लेकर ग्रामीणों में भी रुचि नहीं है.जबकि हर बाजार हाट की अपनी अच्छी खासी जमीन आज भी मौजूद है.स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अनिरुद्ध चौबे की माने तो आज यदि छोटे स्तर के ग्रामीण की आर्थिक स्तिथि खराब हुई है, तो उसके पीछे इन बाजार हाट की स्थिति का दहाल होना भी एक कारण है. सरकार और जिला प्रशासन को इन बाजार हाट को सही करने की कोशिश करनी चाहिए.
रिपोर्ट-सुशील कुमार