गुमला : गुमला जिला झारखंड का एक ऐसा जिला है जहां पर रोजगार का कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां से मजदूर दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं. ऐसे में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस बात को लेकर ना तो राज्य सरकार ने कभी गंभीरता से कार्रवाई की है और ना ही जिला प्रशासन चिंता करता है. ऐसे में अब जाकर जिला में भारत सरकार की ओर से करवाया जा रहे वृक्षारोपण के कार्य के कारण गरीब ग्रामीणों को रोजगार का अवसर मिल रहा है.
पलायन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं
भारत सरकार की ओर से रांची गुमला सड़क का नाम निर्माण कार्य करवाया जा रहा है जहां पर वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है. जिसके माध्यम से इलाके के ग्रामीणों को रोजगार का अवसर मिल पाया है. ऐसे में ग्रामीणों का भी स्पष्ट मानना है कि बारिश सही रूप से नहीं हो पाने के कारण खेती भी नहीं हो पाई और उनके पास पलायन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था, लेकिन इलाके के कई मजदूरों को इस वृक्षारोपण के कार्य में काम मिला हुआ है जिससे उनका परिवार का लालन-पालन हो रहा है.
हेमंत सोरेन को भी इस इलाके की चिंता नहीं- एजेंसी के पदाधिकारी
वही काम करवा रहे एजेंसी के पदाधिकारी ने JMM पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उनका भी प्रयास है कि अधिक से अधिक इलाके के मजदूरों को ही काम मिल ताकि उन्हें मजबूरी में दूसरे राज्यों में पलायन न करना पड़े. लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि इस इलाके से तीन विधायक झामुमो की सरकार में शामिल हैं. लोगों ने इस उम्मीद के साथ इन विधायकों को जिताया था कि इन लोगों कि वजह से विकास देखने को मिलेगा. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि आदिवासियों के हितेषी कहे जाने वाले हेमंत सोरेन को भी इस इलाके की चिंता नहीं है. जिसका परिणाम यह है कि इस इलाके में लोगों के रोजगार के लिए कोई बेहतर विकल्प तैयार नहीं किया जा रहा है जिसके कारण लोग मजबूरी में बाहर जाने को विवश हो जाते हैं.
सरकार के सभी दावे फेल
वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की ओर से भी जो दावा किया जाता है कि मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है लेकिन उनकी ओर से भी विकास योजनाओं को तेज नहीं किया जाता है. जिससे मजदूरों को रोजगार का अवसर मिल सके यहां के लोग मूलतः खेती कार्य में लगे होते हैं या फिर मजदूरी करके अपनी जीविका चला सकते हैं. बावजूद इसके प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई निश्चित रूप से काफी चिंतनीय है. प्रशासनिक पदाधिकारी मंचों के माध्यम से यह दावा करते हैं कि उनका प्रयास है कि इलाके से होने वाले पलायन को रोका जा सके लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ काम नहीं हो पता है.
इलाके में विकास योजना नहीं
जिला प्रशासन की ओर से छोटी-छोटी योजनाएं चलाकर इलाके के मजदूरों को रोजगार का अवसर दिया जाए तो निश्चित रूप से मजदूरों को बाहर पलायन नहीं करना होगा और उनका जीवन सही रूप से चल पाएगा. इसकी चिंता राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को भी गंभीरता से करनी होगी. गुमला जिला में तीन विधानसभा क्षेत्र है बिशनपुर सिसई और गुमला इन तीनों सीटों पर से झामुमो के विधायक है लेकिन बावजूद इसके अब तक इस इलाके में सही रूप से विकास योजनाओं का ना हो पाना ना ही लोगों के पलायन को रोकने के लिए कोई कोशिश किया जाना यह चिंता का विषय बनता जा रहा है.
रिपोर्ट: सुशील कुमार सिंह