गुमला(GUMLA):गुमला जिला के भरनो प्रखंड के अंबोवा स्कूल में छात्र छात्राओं और उनके अभिभावकों ने शिक्षकों की कार्यशैली से नाराज होकर जमकर बवाल काटा.वहीं बीईईओ के आश्वासन के बाद लोगों को शांत कराया गया. अभिभावकों की मांग है कि बच्चों को पढ़ाई सही रूप से करवाने की मांग कर रहे है. एक फिल्म भी समाज पर सही प्रभाव डालता है, कुछ ऐसा ही प्रभाव हाल में बनी फिल्म 12 फेल आईपीएस का दिख रहा है, जिसे देखने के बाद अब बच्चे पढ़ना चाहते है भरनो प्रखण्ड के सुदूरवर्ती गांव अम्बोवा स्थित राजकीय कृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षकों और शिक्षा विभाग की कार्यशैली से नाराज विद्यालय में पढ़नेवाले बच्चों और उनके अभिभावकों की ओर से स्कूल प्रांगण में शुक्रवार को जमकर हंगामा मचाया.
रोजाना शिक्षकों और छात्र छात्राओं में तू तू मैं मैं होती रहती है
विद्यालय के कक्षा 8वीं के छात्र छात्राओं ने बताया कि स्कूल में रूटीन के मुताबिक पढ़ाई नहीं होती है, यदि शिक्षक को रूटीन के मुताबिक क्लास लेने के कहते हैं,तो उनका कहना है, क्लास 1 से 5 का शिक्षक हैं. क्लास 8 के नहीं है.क्लास लेने को लेकर रोजाना शिक्षकों और छात्र छात्राओं में तू तू मैं मैं होती रहती है. इस पर हेडमास्टर भी ध्यान नहीं देते है. दो दिन पहले एक शिक्षक से छात्रों का कहा सुनी होने पर शिक्षक छात्रों से गाली गलौज करने लगे. तभी उग्र छात्रों ने उस शिक्षक को क्लास रूम में ही बंद कर दिया.इस मामले को लेकर गांव के लोग इस विद्यालय के शिक्षकों के कार्यशैली से नाराज हो गये.वहीं छात्रों का कहना है कि 2 महीने बाद 8वीं का बोर्ड परीक्षा है.हम नही पढ़ेंगे तो,हम कैसे परीक्षा लिखेंगे.
स्कूल में 3 सरकारी शिक्षक हैं,जबकि 6 सहायक अध्यापक हैं
वहीं अभिभावकों का कहना है कि इस स्कूल में पढ़ाई नहीं होने की वजह से सैकड़ो छात्र छात्राओं का भविष्य खतरे में पड़ गया है,इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि इस विद्यालय के 8वीं कक्षा के बच्चे ठीक से पहाड़ा तक नहीं जानते हैं, तो आनेवाले परीक्षा में वे क्या लिखेंगे.पहले इस विद्यालय में लगभग 300 बच्चे पढ़ाई करते थे ,लेकिन यहां के ढुलमुल रवैया की वजह से अब 212 विद्यार्थी ही स्कूल में पढ़ते हैं. अधिकांश अभिभावक उक्त स्कूल से अपने बच्चों को निकाल ले रहे हैं. विद्यालय में कुल 9 शिक्षक कार्यरत हैं,जिसमे 3 सरकारी शिक्षक हैं,जबकि 6 सहायक अध्यापक हैं,इस विद्यालय के शिक्षकों के रवैये से आक्रोशित अभिभावक एकजुट होकर शुक्रवार को विद्यालय के मेन गेट में ताला जड़ने वाले थे, लेकिन स्थानीय मुखिया के पति शनिचरवा उरांव के हस्तक्षेप से समझा बुझाकर अभिभावकों को शांत कराया.
6 महीने पहले भी इसी स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही को लेकर जोरदार हंगामा हुआ था
आपको बताये कि बीते 6 महीने पहले भी इसी स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही को लेकर जोरदार हंगामा हुआ था.जिसे लेकर डीएसई गुमला को अवगत कराया गया था.उनके द्वारा इस मामले को लेकर कोई सुधार नहीं लिया गया था.फिर अभिभावकों और ग्रामीणों द्वारा लिखित रूप से मामले की जानकारी दी गयी थी, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ. इस विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा अपना कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आ रहा है, जिसका खामियाजा छात्र छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है.
रिपोर्ट-सुशील कुमार