देवघर (DEOGHAR) : सरकारी स्कूल की पढ़ाई कैसी होती है वो जगजाहिर है. एक जमाना था जब सरकारी स्कूलों में नामांकन होना बड़ी चुनौती होती थी. लेकिन निजी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई होने के कारण अभिभावकों का रुझान इन स्कूलों की ओर बढ़ने लगा. अब गरीब परिवार के बच्चे ही अधिकतर सरकारी स्कूलों में अपना नामांकन दाखिल कराते हैं. जिनकी हैसियत है वो अपने बच्चों को सीबीएससी (cbse) पाठ्यक्रम वाले निजी स्कूल में दाखिला कराते हैं. ताकि उनका बच्चा पढ़ लिख कर अच्छे पद पर काबिज हो सके. लेकिन ऐसा नहीं है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे बड़े अधिकारी नहीं बनते. जरूरत है उन्हें उच्च श्रेणी की शिक्षा मिले. शायद इसी को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार ने कुछ चुनिंदा स्कूलों में जैक (jac) की जगह सीबीएससी (cbse) की पाठ्यक्रम से पढ़ाई कराने का निर्णय लिया. इसी के तहत बाबा नगरी देवघर में शहर के बीचोबीच स्थित आर. मित्रा प्लस टू विद्यालय का चयन सीबीएससी (cbse) पाठ्यक्रम से पढ़ाई कराने के लिए किया है. इस स्कूल को सीबीएससी से मान्यता भी मिल गई है. आगामी 1 अप्रैल से अब इस विद्यालय में सीबीएससी के लिए नामांकन दाखिल किया जायेगा.
1 अप्रैल से शुरू होगी CBSE पाठ्यक्रम से पढ़ाई
जिला का एक मात्र यह सरकारी स्कूल है, जिसे cbse से मान्यता मिली है. एफिलिएशन नंबर मिल गया है. आगामी 1 अप्रैल से सत्र भी चालू हो जाएगा लेकिन cbse पाठ्यक्रम के लिए जो शिक्षक की आवश्यकता होती है फिलहाल इस स्कूल में नहीं है. खुद स्कूल के प्राचार्य कार्तिक प्रसाद तिवारी भी मान रहे हैं कि उनके विद्यालय में शिक्षकों की कमी है. कमी और cbse पाठ्यक्रम को पढ़ाने वाले शिक्षक की नियुक्ति करने की प्राचार्य ने विभाग से मांग की है. वहीं अपने स्कूल का चयन cbse के पाठ्यक्रम के लिए होने से काफी खुश है. इनका मानना है कि अब यह सरकारी स्कूल निजी स्कूलों को टक्कर देगा लेकिन इसके लिए विषयवार समर्पित शिक्षक होना जरूरी है जो फिलहाल इस विद्यालय में नहीं है. इस स्कूल को cbse का दर्जा तो मिल गया लेकिन अभी तक सरकार से कोई पत्र जारी नहीं किया गया है कि इस स्कूल में 1 से 12 या 6 से 12 वीं तक की पढ़ाई होगी.
विद्यार्थियों को मिलेगा फायदा
दूसरी ओर इस सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि अब हमलोग भी cbse पाठ्यक्रम से पढ़ाई कर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को टक्कर दे सकते हैं. खासकर हम लोग जैसे गरीब विद्यार्थी जो कभी cbse वाले स्कूल में पढ़ नहीं सकते थे उनके लिए सरकार ने उनका सपना साकार किया है. विद्यार्थियों की माने तो cbse से पढ़ने से काफी फायदा होगा. हालांकि स्कूल में शिक्षकों की कमी को दूर करने की सरकार से विद्यार्थियों ने मांग की है. बहरहाल, किसी भी राष्ट्र की तरक्की वहां की शिक्षा पर निर्भर करती है. झारखंड सरकार द्वारा चुनिंदा सरकारी स्कूलों cbse पाठ्यक्रम की पढ़ाई का कितना फायदा विद्यार्थियों को होगा यह आने वाला वक़्त बतायेगा लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि इससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी.
रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर