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सम्मेद शिखर को लेकर भारत सरकार ने झारखंड सरकार को दिया निर्देश, जानिए विस्तार से

सम्मेद शिखर को लेकर भारत सरकार ने झारखंड सरकार को दिया निर्देश, जानिए विस्तार से

रांची(RANCHI): जैन समुदाय के लिए सम्मेद शिखर एक महत्वपूर्ण पवित्र धार्मिक स्थल है. जैन समुदाय के लोग इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के राज्य सरकार के कदम का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ियों पर सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है. इस संबंध में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के आलोक में अगस्त 2019 में पारसनाथ अभयारण्य के आसपास एक पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र स्वीकृत किया था और पर्यावरण पर्यटन गतिविधियों को मंजूरी दी थी.

जल्द निर्णय लेगी झारखंड सरकार

भारत सरकार के महानिदेशक सी पी गोयल ने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखकर जैन समुदाय की ओर से मिली आपत्तियों पर विचार करने को कहा है. पत्र में इस बात का उल्लेख है कि पारसनाथ अभयारण्य जैन समुदाय का बड़ा पवित्र केंद्र है. यहां पर ई एस जेड अधिसूचना में शामिल कई आधारभूत संरचना के विकास की गतिविधि जैन समुदाय की भावना को ठेस पहुंचा रही हैं. झारखंड सरकार के इस कदम का विरोध कई स्थानों पर हो रहा है. देश के कई राज्यों में इस विषय को लेकर जैन समुदाय विरोध दर्ज करा रहा है. उल्लेखनीय है कि जैन धर्म की मान्यता के अनुसार उनके 24 तीर्थकर में से 20 तीर्थकरों और अन्य मुनिराजों ने यहां तपस्या कर निर्वाण प्राप्त किया है. झारखंड सरकार इस मुद्दे पर बहुत गंभीर है और जल्द ही इस पर सकारात्मक निर्णय लेगी.

जानिए क्या है विवाद की वजह

कुछ दिनों पहले सम्मेद शिखर के आसपास का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ युवक शराब पीते हुए मस्ती करते नजर आ रहे थे. इसके बाद से ही जैन धर्मावलंबियों का विरोध और मामले को लेकर विवाद शुरू हो गया था. मालूम हो कि सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है. बावजूद इसके सम्मेद शिखर के आस पास कुछ दिन पहले शराब पीते युवक का वीडियो वायरल हुआ था. धर्मस्थल से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ यहां बढ़ी. यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगे.

पवित्र तीर्थ है सम्मेद शिखर

बता दें सम्मेद शिखर जैनियों के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है. जैन इसे पवित्र कैलाश की तरह ही मानते है एवं स्थान पर जैनियों का पवित्र तीर्थ शिखरजी स्थापित है. सबसे अहम बात  इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24  में से 20  तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की. इसी सम्मेद शिखर पर  23 वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था. जो की जनियों के भगवान संत माने जाते हैं. इस शिखर को लेकर जैनियों मे पार श्रद्धा है इसलिए इस  पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं. प्रकृति के सुंदर नजरों के बीच जंगलों,  पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए नौ किलोमीटर की यात्रा तय कर के भक्त शिखर पर पहुंचते हैं. बता दें 2019  में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था. इसके बाद झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुशंसा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया.

Published at:24 Dec 2022 11:19 AM (IST)
Tags:THE NEWS POST RANCHI NEWS SAMMED SHIKHAR JAIN JHARKHND NEWS
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