धनबाद(DHANBAD) | धनबाद रेल मंडल सहित देश के 14 रेल मंडलों में अब माल लोड होने में विलंब नहीं होगा. मैनुअल कुछ भी नहीं होगा. सॉफ्टवेयर के जरिए सारे काम होंगे. खाली मालगाड़ी को तय वक्त पर सही साइडिंग तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने नया सॉफ्टवेयर तैयार कराया है. अब कोयला अथवा अन्य सामान उतारने के बाद मालगाड़ी के खाली रेक का रूट तय करने के लिए सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी. फिलहाल यह व्यवस्था धनबाद रेल मंडल से शुरू हो रही है. धीरे-धीरे अन्य 14 रेल मंडलों में भी यही व्यवस्था काम करने लगेगी. सॉफ्टवेयर ही बताएगा कि खाली होने वाली मालगाड़ी की बोगियां किस साइडिंग पर जाकर फिर से लोड होंगी. साइडिंग तक जाने के लिए मालगाड़ी की बोगी के रूट निर्धारण भी सॉफ्टवेयर ही करेगा. अब विभाग के अधिकारी मैन्युअली उपयोगिता नहीं कर पाएंगे. बुधवार को रेलवे बोर्ड और सेंटर फॉर रेलवे इनफॉरमेशन सिस्टम के जीएम ने धनबाद डीआरएम ऑफिस में इस सॉफ्टवेयर की जानकारी दी.
अभी तक होता था मैन्युअली
अभी तक यह व्यवस्था थी कि मैनुअल मालगाड़ी के रैको को ट्रांसफर किया जाता था. इसमें भी विलम्ब होता था और परेशानी भी होती थी. धनबाद रेल मंडल अभी देश का सर्वाधिक कमाने वाला रेल मंडल बन गया है. इस वजह से भी रेलवे बोर्ड का ध्यान धनबाद पर अधिक है. धनबाद से कोयला लोड रैक अधिक जाते है. इसलिए भी दूसरी जगह पर कोयला पहुंचाने के लिए रेलवे रैक की बड़ी भूमिका है. कोल इंडिया में ई ऑक्शन सिस्टम लागू होने के बाद रैक से कोयला लोडिंग में इजाफा हुआ है. पहले रैक मिलने में हमेशा किच किच होती रहती थी. कोलियरी के अधिकारी समय पर रैक नहीं मिलने की शिकायत करते है. डैमरेज वसूली में भी विवाद होता है. ऐसे में सॉफ्टवेयर व्यवस्था लागू हो जाने से रेलवे को भी राहत मिलेगी और कोलियारियो को भी सही समय पर लोडिंग के लिए रैक मिल जाया करेगी. धनबाद से यह व्यवस्था शुरू होकर धीरे-धीरे अन्य रेल मंडलों तक जाएगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
