धनबाद(DHANBAD) : केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने ईएसआईसी(राज्य कर्मचारी बीमा निगम ) के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए आयुष्मान भारत पैनल के अस्पतालों में ईएसआईसी योजना के लाभार्थियों को कैश लेस इलाज की सुविधा के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है. सामाजिक सुरक्षा के साथ संगठित क्षेत्र के कामगारों तथा उनके आश्रितों की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए आयुष्मान भारत से जुड़े अस्पतालों को ईएसआईसी से जोड़ने का निर्णय लिया गया है. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने भी इसके संकेत दिए है. फिलहाल देश में 24000 से अधिक अस्पतालों में आयुष्मान भारत से कैशलेस इलाज की व्यवस्था है. संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार एक बड़ी सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है. इसके संकेत केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने दिए है. राज्य कर्मचारी बीमा निगम से जुड़े सदस्यों एवं उनके परिवार वालों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिल सकेगी.
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने लगा दी है मुहर
इस दिशा में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय काम करना शुरू कर दिया है. मंत्री ने कहा है कि सभी जरूरी स्वीकृति दी जा चुकी है. लेकिन सिर्फ आयुष्मान योजना से जुड़े पैनल में शामिल अस्पतालों के नेटवर्क का ही इसमें इस्तेमाल होगा. बाकी पूरा इलाज का खर्च ईएसआईसी उठाएगी. आयुष्मान योजना के तहत इलाज खर्च पर 5 लाख तक की सीमा निर्धारित है. लेकिन ईएसआईसी के सदस्य और उनके परिजनों के इलाज पर यह सीमा लागू नहीं होगी. उनके इलाज पर जो भी खर्च होगा, वह ईएसआईसी द्वारा दिया जाएगा. ईएसआईसी से जुड़े सदस्यों का पहले से ही बीमा किया गया है, जिसके जरिए ईएसआईसी उनके इलाज का पूरा खर्च वहन करेगा. चिकित्सा सेवा विस्तार किए जाने से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है. बता दें कि देश के कई हिस्सों में ईएसआईसी के अस्पताल नहीं है. अगर है भी तो उन्हें कई तरह की बीमारियों की इलाज की सुविधा नहीं है.
क्या है ईएसआईसी ESIC स्कीम में कौन कर सकता है आवेदन
ईएसआईसी स्कीम का लाभ वे कर्मचारी उठा सकते हैं, जिनकी सैलरी 21 हजार रुपये प्रति माह या इससे कम है. इस तरह के कर्मचारियों को कंपनी योजना में एनरॉल शामिल करती है. स्कीम में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं. इसमें कर्मचारी की तरफ से सैलरी का 1.75 फीसदी और नियोक्ता की ओर से कर्मचारी की सैलरी के 4.75 फीसदी के बराबर योगदान किया जाता है. ईएसआई योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों को सबसे बड़ा फ़ायदा मुफ्त इलाज का मिलता है. इस स्कीम के जरिए बीमित व्यक्ति के अलावा उस पर निर्भर पारिवारिक सदस्यों को भी फ्री में इलाज की सुविधा मिलती है. इतना ही नहीं स्कीम के तहत इलाज में आने वाले खर्च की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. वहीं, अगर कर्मचारी महिला है तो उसे मैटरनिटी लीव के दौरान डिलीवरी में 26 हफ्ते तक और गर्भपात की स्थिति में 6 हफ्ते तक औसत वेतन का 100 फीसदी पेमेंट किया जाता है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो