रांची(RANCHI): झारखंड सरकार कई योजना किशोरियों के लिए चला रही है. जिससे किशोरी किसी की बोझ ना बने. खुद के दम पर अपनी पढ़ाई से लेकर अन्य जरूरतों को पूरा कर सके. एक ऐसी योजना सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना है. समाज कल्याण विभाग की एक आदर्श योजना के रूप में इसे देखा जा रहा है. इस योजना से 9 लाख किशोरियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. अबतक लगभग 8 लाख छात्राओं को इसका लाभ मिल रहा है. सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत पांच किश्त में ₹40000 तक आर्थिक सहायता सरकार की ओर से दी जाती है. यह सहायता वर्ग आठ से प्रारम्भ हो कर उनके 12वीं तक पहुंचने तक मिलती रहती है.
क्या है योजना
हेमंत सरकार के महिला प्रोत्साहन और उनके शिक्षा में बेहतरी के प्रयास के रूप में इस योजना को देखा जा रहा है. हेमंत सरकार की सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से अब तक लगभग 8 लाख किशोरियों को जोड़ा जा चुका है. वर्ष 2022-23 में जहां इस योजना के तहत 7,28,332, वर्ष 2023-24 में 7,15,061, वहीं वर्ष 2023-24 में 2,07,296 अब तक आवेदन स्वीकृत किये जा चुके हैं. सरकार का इस वित्तीय वर्ष में 9 लाख छात्राओं को इससे जोड़ने का लक्ष्य है.
इस योजना के तहत सरकारी स्कूल में वर्ग 8 से 12वीं तक की प्रत्येक स्कूली छात्रा को कक्षा आठ में 2,500 हजार, नौवीं में 2,500, 10वीं में 5,000, ग्यारहवीं में 5,000 और बारहवीं में 5,000 रुपये की सहायता उनके बैंक खाते में दी जाती है. जब किशोरी की उम्र 18 की हो जाये और उसका मतदाता पहचान पत्र बन जाये तो उसे एकमुश्त 20,000 रुपये दिया जाते हैं ताकि वो उस पैसे से आगे की पढ़ाई या कोई प्रशिक्षण ले कर स्वाबलंबी बन सके.
कैसे लाभकारी है ये योजना
हेमंत सरकार ने देखा आठवीं वर्ग से किशोरियों को पढ़ाई करने के लिए कई छोटी-छोटी ज़रूरतें होती हैं, उन जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से यह योजना लायी गई है. अपने खाते में आए इस सरकारी सहायता का लाभ छात्राएं खूब उठा रही हैं. पढ़ाई की छोटी-मोटी जरूरत खाते में आये पैसे से पूरी हो जाती है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यह सहायता सरकार द्वारा स्कूलों को दिए जा रहे सहायता के अतिरिक्त है.
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ की दूर दराज के गांव की किशोरियां अब विद्यालय नियमित रूप से आ रही है. इस योजना के कारण ड्रॉप आउट के मामले काफी कम हुए हैं.