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संदर्भ:गीता कोड़ा का भाजपा में जाना, गठबंधन दलों में ज़बर्दस्त रीऐक्शन कोई ख़ुश तो कोई मायूस, समझिए माजरा पूरे विश्लेषण के साथ

संदर्भ:गीता कोड़ा का भाजपा में जाना, गठबंधन दलों में ज़बर्दस्त रीऐक्शन कोई ख़ुश तो कोई मायूस, समझिए माजरा पूरे विश्लेषण के साथ

धनबाद:- 2005 में भाजपा ने गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा का टिकट काटा था. वह बागी होकर चुनाव लड़े और एक निर्दलीय विधायक के रूप में मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. लेकिन दो दशक बाद अपनी सांसद पत्नी के साथ फिर से वह भाजपा में शामिल हो गए हैं .उनकी पत्नी गीता कोड़ा 2019 में सिंहभूम लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी. यह अलग बात है कि गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही थी. 2019 के चुनाव में कोडरमा सीट पर राजद छोड़कर भाजपा में आई अन्नपूर्णा देवी को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने सबको चौंकाया था. अन्नपूर्णा देवी चुनाव जीत भी गई थी. इसी प्रकार गीता कोड़ा को भी भाजपा में शामिल कर  संभवत उन्हें सिंह भूम लोकसभा सीट से भाजपा चुनाव लड़ाएगी .

जेएमएम अंदर ही अंदर है खुश !

वैसे अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी बीजेपी के निशाने पर कांग्रेस ही है. झारखंड की इकलौती कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा को भाजपा में शामिल कराकर एनडीए ने एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. यह बात भी कहीं जा रही है कि गीता कोड़ा के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस भले ही मायूस हो लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा भीतर भीतर ही खुश हो रहा होगा. गीता कोड़ा के साथ परेशानी थी कि उनके लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले पांच विधानसभा क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक थे .सिर्फ एक सीट कांग्रेस के पास थी. इस वजह से भी वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय नहीं बैठा पा रही थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता हावी दिख रहे थे. इस वजह से गीता कोड़ा खुद को असहज महसूस कर रही थी. 

कई समीकरण बदलेंगे 

गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने से कई समीकरण बदलेंगे. यह भी हो सकता है कि सिंहभूम सीट अब झामुमो के खाते में चला जाए और जमशेदपुर सीट पर कांग्रेस अपना दावा करे.अब तक सीटों के बंटवारे के लेकर जो चर्चा थी उसके अनुसार सिंहभूम सीट कांग्रेस के खाते में जा रही थी. जबकि जमशेदपुर सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा को जाने वाली  थी. हालांकि इसकी अधिकृत घोषणा नहीं हुई है.एक चर्चा अभी चल रही थी कि झारखंड में गठबंधन रांची और जमशेदपुर सीट को लेकर अदला-बदली कर सकता है लेकिन अब तो सिंहभूम और जमशेदपुर सीट को लेकर यह बात सामने आने लगी है. चर्चा तो यह भी है कि कांग्रेस के डॉक्टर अजय कुमार जमशेदपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. लेकिन यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में जा रही थी. लेकिन लगता है कि गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने के बाद जमशेदपुर सीट कांग्रेस को मिल जाए और डॉक्टर अजय कुमार जमशेदपुर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार बन जाएं. जो भी हो लेकिन अभी कई तरह के खेल देखने बाकी है.

कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका 

चुनाव आते-आते कई और अदला बदली हो सकती हैं. सिंहभूम सीट को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से गीता कोड़ा पर ही निर्भर थी.लेकिन हो सकता है कि अगर सीटों का अदला बदली नहीं हो तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू का भाग्य उदय हो सकता है और वह सिंहभूम सीट से उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं. चर्चा तो यह भी है कि गीता कोड़ा भाजपा में शामिल होकर दूर की कौड़ी खेली है. हो सकता है कि उनके पति के खिलाफ चल रही कार्रवाई में कुछ राहत मिल जाए. लेकिन यह सब केवल अभी कयास हैं. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा है कि गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. कोल्हान प्रमंडल में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा खाता तक नहीं खोल पाई थी.इस बार दोनों लोकसभा सीट भी गठबंधन ही जीतेगा. इधर, कांग्रेस विधायक दल के नेता  आलमगीर आलम ने कहा कि कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा का भाजपा में जाना सहज और सरल विषय है. सिंहभूम सीट कांग्रेस की थी और उसका आगे भी दावा बनता है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि  गीता कोड़ा का काम झारखंड को कलंकित करने वाला है. डर और लालच का कॉकटेल हर जगह मौजूद है. बिहार के बाद झारखंड में गीता कोड़ा के रूप में यह देखने को मिला. 

गीता कोड़ा के आने से भाजपा खुश 

इधर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने गीता कोड़ा का भाजपा में स्वागत किया और कहा कि झारखंड की 14 लोकसभा सीट पर एनडीए की जीत दर्ज होगी. देश में 400 पार के साथ फिर एक बार मोदी सरकार का संकल्प और कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार होगा. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि गीता कोड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम से प्रभावित होकर भाजपा ज्वाइन की है. उनके आने से पूरे झारखंड में भाजपा नई ऊर्जा के साथ काम करेगी. बता दे कि अक्टूबर 2018 में गीता कोड़ा कांग्रेस में शामिल हुई थी. 2019 में उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ को हराया था. यह समय मोदी लहर की थी. जो भी हो लेकिन गीता कोड़ा के इस निर्णय  से कांग्रेस भले ही थोड़ी बैक फुट पर दिखती हो लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोग  भीतर ही भीतर खुश हो रहे होंगे.

Published at:27 Feb 2024 02:30 PM (IST)
Tags:Geeta Koda joining BJPWhy geeta koda join bjp jmm will happy with geeta koda to join bjp Geeta koda to join bjp Geeta koda news Geeta koda congress MP Congress disappoint after geeta koda join BJP
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