गढ़वा(GARHWA):गढ़वा जिले में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक देखने को मिल है. जहां आये दिन जंगल से निकलकर ये खूंखार जानवर गांव में घुस रहे है, और लोगों की जान ले रहे हैं, जिससे लोगों में दहशत देखा जा रहा है. हाथी, तेंदुवा, भालू, लकड़बाघा के बाद गढ़वा के जंगलों में इन दिनों अब बाघ दिखने का ग्रामीणों दावा कर रहे है.
बाघ दूसरी बार संगाली के जंगलों में देखा गया
साल 2024 में हाथियों ने 12 लोगो की जान ली है, वहीं अब बाघ के आने के बाद लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है.आपको बताये कि गढ़वा जिले के दक्षिणी वन क्षेत्र के इलाकों में इस वर्ष दूसरी बार टाइगर दिखा है. बड़गड़ थाना क्षेत्र के बहेराखांड़ में कुछ महीने पहले पशुओं का शिकार करने के बाद बाघ भंडरिया क्षेत्र के जंगलों से होकर कोयल नदी पारकर पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में पहुंचा है.बाघ दूसरी बार संगाली के जंगलों में देखा गया.
वन विभाग की माने तो बाघ आदमखोर नहीं हुआ है
ग्रामीणों का दावा है कि एक दिन पहले बाघ इस गांव के जंगलों में चरवाहों ने देखा है.आपको बताये कि पिछले 13 नवंबर की रात बाघ ने बहेराखांड़ निवासी शिवकुमार सिंह के एक गाय का शिकार किया था.वहीं शव के कुछ हिस्से को जंगल में ही छोड़ दिया. सुबह जंगल में मवेशी चराने गये ग्रामीणों ने जब गाय के क्षत विक्षत शव को देखा. तो इसकी जानकारी वन विभाग को दी गयी. जिसके बाद भंडरिया वन क्षेत्र के अधिकारियों ने इसकी जांच की. जिसमें बाघ द्वारा गाय का शिकार किये जाने की पुष्टि हुई है. वहीं अब दूसरी बार बाघ के आने की सूचना के बाद क्षेत्र में दहशत फैल चुका है. हालांकि बाघ के आदमखोर नहीं होने से वन विभाग भी राहत की सांस ले रहा है.हालांकि अब तक बाघ आदमखोर नहीं हुआ है.सूचना के बाद वन विभाग ने रमकंडा भंडरिया के क्षेत्रों में अलर्ट जारी करते हुए लोगों को जंगलों में नहीं जाने की चेतावनी जारी की है.
वन विभाग की टीम टाइगर को ट्रैक कर रही है
इधर घटना के बाद वन विभाग की टीम टाइगर को ट्रैक कर रही है. हालांकि वन विभाग को अभी तक ट्रैपिंग कैमरा के तस्वीर या कोई फुटमार्क नहीं मिला है, लेकिन शिकार करने के तरीकों से विभाग टाइगर के होने की संभावना व्यक्त कर रही है.