धनबाद (DHANBAAD) : पति" किंगपिन "और पत्नी" फंड मैनेजर ".सहायक बने थे सीएसपी संचालक. यही था वासेपुर के गैंगस्टर प्रिंस खान का अर्थ तंत्र. रंगदारी के पैसों को बहुत चालाकी और सिस्टमैटिक ढंग से खा पाया जाता था. कई कारोबार में भी प्रिंस खान का पैसा लगाया गया है. 10 से 12 लोगों का यह दल सिर्फ पैसों को ठिकाने लगाने का काम करता था. पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर इस अर्थतंत्र की कमर तोड़ देने का दावा किया है. एसएसपी संजीव कुमार ने बताया है कि 3 महीनों में कम से कम एक करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया है. यह ट्रांजैक्शन लगभग 90 बैंक अकाउंट से हुआ है. 300 बार के ट्रांजैक्शन में यह पैसा इधर से उधर किया गया है. सभी बैंक अकाउंट को फ्रीज करा दिया गया है, जबकि कई और अकाउंट अभी जांच के दायरे में है. एसएसपी संजीव कुमार की विशेष टीम ने एक महिला समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है.
तलवार बन कर लटक रही है गिरफ्तारी
इनमें फायरिंग गैंग के लोग शामिल नहीं है .इनका काम सिर्फ रंगदारी से वसूले गए पैसे को ठिकाने लगाना था. धनबाद के कई सफेदपोश लोगों के खिलाफ भी यह गिरफ्तारी तलवार बन कर लटक रही है .कई धंधे व्यवसाय में प्रिंस खान का पैसा लगाने का पुलिस को सुराग मिला है. जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है ,सभी लोगों की अर्थतंत्र व्यवस्था में अलग-अलग भूमिका थी . सद्दाब अंसारी इस गैंग का लीडर था जबकि उसकी पत्नी नरगिस बानो पूरे सिस्टम को चलाती थी. सीएसपी के माध्यम से रंगदारी से वसूले गए पैसों को ठिकाने लगाया गया है. गिरोह में शामिल कई लोगों के पास यह काम था कि जिन लोगों को धमकी दी गई है, उन्हें दोबारा फोन कर फॉलो अप करना ,उनसे पैसे लेना ,पैसे कहां से लेना है, कैसे लेना है और इन पैसों को कैसे दूसरी टीम को सौंप देना है, इस काम के लिए इस गैंग में अलग से लोग थे. कुछ लोगों का यह काम था कि विभिन्न बैंकों, यूपीआई और सीएसपी के जरिए पैसों को जगह तक पहुंचा देना. रंगदारी के पैसों को जमीन, दवा सहित अन्य व्यवसाय में खपाने का पुलिस को जानकारी मिली है. अब पुलिस इन सूचनाओं पर काम कर रही है. प्रिंस खान का यह अर्थ तंत्र कई क्षेत्रों में फैला हुआ था. विभिन्न जगहों से 10 लोगों की गिरफ्तारी की गई है.
गिरफ्तारी में केंदुवा से लेकर वासेपुर, भूली के लोग शामिल
वासेपुर के गैंगस्टर के अर्थतंत्र पर पहली बार धनबाद पुलिस ने प्रहार किया है. पुलिस का दावा है कि प्रिंस खान के समूचे अर्थतंत्र को तहस-नहस कर दिया गया है. इस गैंग में सबका कमीशन तथा फायरिंग करने वालों को कितना देना है, धमकी देने वालों से पैसा वसूल करने वालों को कितना देना है, सीएसपी में ट्रांजैक्शन पर कितना कमीशन देना है, यह सब बिल्कुल इमानदारी पूर्वक किया जा रहा था. परिणाम यह हो रहा था कि बात लीक नहीं हो रही थी. प्रिंस खान के अर्थतंत्र में शामिल जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है ,उनमें केंदुवा से लेकर वासेपुर, भूली के लोग शामिल हैं.
कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है धंधा व्यवसाय
अब देखना है कि आर्थिक तंत्र को तोड़ने के बाद धनबाद पुलिस आगे प्रिंस खान के गैंग और उसके सागिर्द बने सफेदपोश पर किस तरह शिकंजा कसती है. प्रिंस खान तो फिलहाल देश से बाहर बैठा हुआ है. उसका पासपोर्ट रद्द करा दिया गया है. इंटरपोल की मदद ली जा रही है. बाहर हाल अर्थतंत्र को तोड़ने के इस दावे के बाद धनबाद के लोग जरूर थोड़ा सुकून महसूस कर रहे होंगे. प्रिंस खान ने धनबाद पुलिस, झारखंड एटीएस और झारखंड पुलिस की नाक में दम कर रखा है .धनबाद के कारोबारी तो अपने प्रतिष्ठान जाना तक छोड़ दिए हैं .कर्मचारियों के भरोसे धंधा व्यवसाय चल रहा है. ऐसा कायम हो गया है धनबाद में प्रिंस खान का आतंक.