रांची (RANCHI) : गिरिडीह जिले की गांडेय विधानसभा की सीट राजनीति का केंद्र बन गया है. दिलीप कुमार वर्मा को बीजेपी के द्वारा प्रत्याशी घोषणा के बाद कल्पना सोरेन के मैदान में उतरने से गांडेय विधानसभा की सीट सबसे हॉट सीट बन गई है. यहां का राजनीतिक पारा भी बढ़ते तापमान की तरह बढ़ गया है. ऐसी हालत में यह सीट बीजेपी और झामुमो के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गयी है. बता दें कि झामुमो के डॉ. सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हो गई थी. पार्टी ने डॉ. सरफराज अहमद को राज्यसभा भेज दिया है. गांडेय विधानसभा सीट पर 20 मई को उपचुनाव होगा.
कथित जमीन घोटाले के मामले में जेल में बंद हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन चुनावी समर में पार्टी का मोर्चा संभालने खुलकर सामने आ चुकी है. अब वो राज्य के साथ पूरे देश में झामुमो की चेहरा बन गयी है. ऐसी हालत में यह सीट झामुमो के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गयी है. भाजपा प्रत्याशी दिलीप कुमार वर्मा को चुनौती देने के लिए जेएमएम ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहीं है कल्पना
कल्पना सोरेन को पार्टी ने जब से उम्मीदवार बनाया है तब से लगातार झामुमो की बैठक में शामिल हो रही हैं. गांडेय विधानसभा क्षेत्र का लगातार दौरा कर रही हैं. सभी पंचायत के कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर उनकी राय ले रही हैं और परेशानी को भी जान रही हैं. वहीं हर बूथ पर मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए मंथन भी कर रही हैं.
बाबूलाल मरांडी के लिए बन गई प्रतिष्ठा की सीट
2019 के चुनाव की बात करें तो गांडेय विधानसभा से झामुमो के प्रत्याशी डॉ. सरफराज अहमद ने जीत हासिल की थी. उन्हें करीब 65 हजार वोट मिले थे. वहीं भाजपा के जयप्रकाश वर्मा को 56 हजार 168 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर थे. झामुमो के डॉ. सरफराज अहमद ने बीजेप प्रत्याशी जयप्रकाश वर्मा को 8,855 वोटों से हराया था. और आजसू पार्टी के उम्मीदवार अर्जुन बैठा 15,361 मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे. इस बार भाजपा ने दिलीप कुमार वर्मा को उम्मीदवार बनाया है. वह पिछली बार बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम के उम्मीदवार थे और उन्हें करीब नौ हजार वोट मिले थे. अब बाबूलाल की पार्टी जेवीएम बीजेपी में विलय हो चुकी है और वे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में यह सीट बीजेपी खासकर बाबूलाल मरांडी के लिए भी प्रतिष्ठा की सीट बन गई. पार्टी इस उपचुनाव को हर हाल में जीतना चाहेगी. कल्पना सोरेन के मैदान में उतरने से मुकाबला कांटे का हो गया है. दोनों ही पार्टी ने अपनी रणनीति के तहत प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया है.
झामुमो को किस पर है भरोसा
गांडेय उपचुनाव को लेकर कहा जा रहा है कि झामुमो को इस सीट पर मुस्लिम और आदिवासी की बड़ी आबादी पर सबसे ज्यादा भरोसा है. माना जा रहा है कि सरफराज अहमद को राज्यसभा भेजने से मुस्लिम वोटरों का समर्थन झामुमो को मिलेगा. वहीं आदिवासियों को पहले से अपना परंपरागत वोटर मानता है. कल्पना सोरेन को जीत दिलाने के पार्टी भी खास प्लान पर काम कर रही है. वहीं बीजेपी की भी नजर आदिवासी वोटरों पर है. वो भी सेंधमारी करने की फिराक में है. अब देखना होगा कि आने वाले चुनाव में किसकी हार होगी और किसकी जीत. चुकि कल्पना सोरेन पहली बार राजनीति के मैदान में कूदी हैं, देखना होगा कि राजनीति के मैदान में कितना टिक पाती हैं.