चाईबासा(CHAIBASA): झारखंड में DMFT फंड में बड़े पैमाने पर खेल की बात सामने आती है. इस फंड की राशि में कामिशन का बड़ा खेल चलता है. किसी भी काम को धरातल पर उतारने के लिए पहले अधिक पैसा अलॉट किया जाता है. बाद में काम के नाम पर खनपूर्ति कर दी जाती है. फिर पैसा की निकासी कर संवेदक आराम में मजा मारते है. अब तक ऐसे बाते विपक्ष के नेता करते थे. लेकिन जब कोल्हान यूनिवर्सिटी सभागार में DMFT और न्यास समिति की बैठक हुई तो खुद सूबे के मंत्री से लेकर सत्ता पक्ष के विधायक ने इसे खुले मंच से स्वीकार किया. कहा बहुत गड़बड़ी हुई है.
दरअसल डीएमएफटी फंड /न्यासा लेकर समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई.बैठक में राज्य के राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार और परिवहन मंत्री दीपक बिरूवा,सांसद जोबा मांझी सहित निरल पूर्ति, सोनाराम सिंकू, सुखराम उरांव, जगत मांझी विधायक और डीसी- एसपी शामिल हुए.
मंत्री दीपक बिरूवा ने कहा कि पीएचईडी विभाग बदनाम है, डीएमएफटी फंड से चापानला मरमती कार्य पूरा नहीं हुआ. पानी का स्तर नीचे जा रहा है. ऐसे में चापानल की मरम्मती बेहतर तरीके से की जाती तो जनता को पानी की दिक्कत नहीं होती. लेकिन बड़े पैमाने पर इसमें गड़बड़ हुई है.
चक्रधरपुर विधायक सुखराम में कहा जानकारी मिली है कि जितने भी जलमीनार बने हैं उसमें ज्यादातर जल मीनार खराब है. बहुत जगह सार्वजनिक चापानल रहने के बावजूद ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में DMFT फंड को बेहतर तरीके से आने वाले दिनों में इस्तेमाल करने की जरूरत है. जिससे बाद में कोई समस्या ना हो सके.
मझगांव विधायक निरल पूर्ति ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम बड़ा जिला है स्वास्थ्य के लिए आगे बढ़ना होगा. मझगांव क्षेत्र में अधिकतर मरीज कटक, भुवनेश्वर इलाज कराने जाते हैं. जिले में टेक्निकल की कमी है अल्ट्रासाउंड डॉक्टर नर्स की भी कमी है. स्वास्थ व्यवस्था ठीक हो. बैठक में पश्चिमी सिंहभूम जिले के मुखिया ने हिरण तामसोय ने महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव की दिक्कत का मामला उठाया. इसके अलावे जंगली हाथियों के आतंक से बचाव की मांग की.
बैठक में जिला प्रशासन की तमाम बड़े अधिकारी कार्यपालक अभियंता सहायक/कनीय अभियंता और मुखिया जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.
रिपोर्ट: सतोष वर्मा