धनबाद(DHANBAD): 22 मार्च '2017 को धनबाद के सरायढेला में शूटआउट की घटना हुई थी. 15 जुलाई 1998 से भी अधिक गोलियां AK47
उगले थे. 22 मार्च '2017 को पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगो की हत्या हुई थी जबकि 15 जुलाई 1998 को कतरास में विनोद सिंह का मर्डर हुआ था. सरायढेला में AK47 से सैकड़ों गोलियां चली थी. पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोग इस घटना में मारे गए थे. घटना ने काफी सुर्खियां बटोरी. बहुत ही फुल प्रूफ प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया गया था. यूपी के शूटर इसमें शामिल बताए गए थे. अमन सिंह को इसी कांड में गिरफ्तार कर धनबाद लाया गया था. वह अब धनबाद में गैंगस्टर बन गया है.
घटना के बाद से संजीव सिंह हैं जेल में
इस मामले में झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह को साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उसके बाद से ही लगातार जेल में बंद है. संजीव सिंह मृतक नीरज सिंह के चचेरे भाई है. नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह फिलहाल झरिया से कांग्रेस की विधायक है. यह मामला रह -रह कर सुर्खियां बटोर ता है. ताजा मामला है पूर्व विधायक संजीव सिंह ने न्यायालय में पिटीशन देकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. इसके बाद से यह मामला फिर एक बार चर्चा में आ गया है. संजीव सिंह 11 जुलाई,2023 को धनबाद जेल में कुर्सी से गिरकर चोटिल हो गए थे. उसके बाद उन्हें धनबाद के SNMMCH में भर्ती कराया गया है. कोर्ट ने उन्हें रांची रिम्स ले जाने का आदेश दिया है लेकिन संजीव सिंह रिम्स नहीं जाना चाहते. उनके परिवार वालों ने शंका व्यक्त की है कि वहां संजीव सिंह की जान को खतरा हो सकता है.
25 जुलाई '2023 को उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की मांग की
ऐसे में मंगलवार,25 जुलाई '2023 को उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. सूर्यदेव सिंह के बेटे और झरिया के पूर्व विधायक के इच्छा मृत्यु मांगने को लेकर लोग अपने -अपने ढंग से चर्चा कर रहे है. . कह रहे है कि परिवार में बढ़ी दूरियों का ही नतीजा है कि आज एक समय का बहुत ही ताकतवर परिवार कमजोर दिख रहा है. नीरज सिंह, सूर्य देव सिंह के भाई स्वर्गीय राजन सिंह के पुत्र थे. सूर्यदेव सिंह पांच भाई थे. जिनमें सूर्यदेव सिंह और राजन सिंह का निधन हो गया है. विक्रमा सिंह, बच्चा सिंह और रामधीर सिंह है. . विनोद सिंह हत्याकांड में रामधीर सिंह आजीवन कारावास की सजा काट रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो