रांची (RANCHI) : 2019 में रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ममता देवी चुनाव जीती थीं. लेकिन उनकी सदस्यता एक मामले में रद्द हो गई. यह मामला था गोला गोली कांड का, जिसमें उन्हें कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी. इस कारण से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई. ममता देवी को आज यानी 15 अक्टूबर को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है उनकी सजा पर रोक लगा दी गई है.
ममता देवी को किस तरह की राहत मिली है और क्या होगा आगे
गोला गोली कांड को लेकर विधायक बनने से पूर्व ममता देवी आरोपी थीं. उन्हें इस मामले में पुख्ता साक्ष्य के आधार पर दिसंबर, 2022 में सजा सुनाई गई थी. उन्हें 5 साल की सजा दी गई थी. हजारीबाग कोर्ट के द्वारा दी गई सजा के आधार पर ममता देवी जो अब विधायक थीं,उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई. प्रावधान के अनुसार 2 साल और उससे अधिक की सजा होने पर सदस्यता रद्द कर दी जाती है. कोर्ट के द्वारा दी गई सजा के आधार पर ममता देवी को 11 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लग गई थी.
ममता देवी ने कांग्रेस के टिकट पर 2019 में विधानसभा का चुनाव जीता था. 2023 में हुए उपचुनाव में यहां से कांग्रेस हार गई थी, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने पूरी ताकत लगाई थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी के पति के लिए खूब चुनाव प्रचार किया था. पर इस चुनाव में आजसू की सुनीता चौधरी जो गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी की पत्नी हैं, उन्होंने लगभग 22000 वोट से जीत दर्ज की. 2 मार्च, 2023 को रिजल्ट आया था जबकि 27 फरवरी, 2023 को मतदान हुआ था.
कोर्ट के ताजा आदेश के बाद क्या हो सकता है
झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा ममता देवी की याचिका पर सुनवाई के बाद 15 अक्टूबर यानी आज निचली अदालत के जजमेंट पर रोक लगा दी है. परंतु इस रोक से ममता देवी आगे चुनाव लड़ सकती हैं. कांग्रेसियों में इसको लेकर खुशी देखी जा रही है. हम यहां पर बता दें कि गोला गोली कांड में दिसंबर 2022 से पहले भी ममता देवी समेत अन्य आरोपियों को दोषी ठहराते हुए तीन-तीन माह की सजा दी गई थी. गोला गोली कांड में दो लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे.