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पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भी यहां के गुलाब जामुन खाकर हो गये थे मुरीद, जानिए आखिर झारखंड की कौन सी है वह जगह 

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भी यहां के गुलाब जामुन खाकर हो गये थे मुरीद, जानिए आखिर झारखंड की कौन सी है वह जगह 

टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- एक बात है कि अगर कोई चिज अच्छी होती है, तो फिर उसके लिए  जगह मायने नहीं रखता और न ही दाम . लोग उसकी हसरत लिए लंबा सफर तय करने से भी गुरेज नहीं करते हैं . झारखंड के हजारीबाग जिले स्थित टाटीझरिया में एक ऐसी ही जगह है. जहां के गुलाब जामुन खाने के लिए लोग लंबा सफर तय करके आते है. जिसमे आम औऱ क्या खास, सभी बड़े शिद्दत से और अरमान लेकर शुद्ध घी से बने गुलाब जामुन का स्वाद चखते है. इतना ही नहीं खुद तो खाते है, वे पैक कराकर अपने सगे-संबंधियों के लिए भी ले जाते हैं. इसके पीछे वजह है स्वाद जिसके चलते लोग यहां चले आते हैं. 

टाटीझरिया का जायकेदार गुलाब जामुन

हजारीबाग जिला मुख्यालय से महज 26 किलोमीटर दूर बगोदर-धनबाद एनएच 100 पर स्थित टाटीझरिया के गुलाब जामुन बेहद स्वादिष्ट माना जाता है. शुद्ध घी से बने इस गुलाब जामुन को लेकर लोगों में इतनी दिलचस्पी औऱ उत्सुक्ता बनीं रहती है कि इस रास्ते से गुजरने वाली लगभग सभी गाड़ियां यहां बरबस रुक जाती है. टाटीझरिया के गुलाब जामुन ने इस इलाके की तकदीर संवार दी, यहां के लोगों को रोजगार तो मिला ही, इसके साथ ही एक अलग पहचान भी बनाई . यहां सिर्फ झारखंड में ही नहीं, बल्कि बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान और बंगाल तक के लोग यहां के गुलाब जामुन के स्वाद की चर्चा करते हैं.

क्या है टाटीझरिया के गुलाब जामुन की कहानी 

बताया जाता है कि 1948 में स्व वासुदेव चौधरी ने गुलाब जामुन बनाकर बेचने की शुरुआत की थी. उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि इस गुलाब जामुन से न इस क्षेत्र की अलग पहचान बनेगा, बल्कि टाटीझरिया के व्यवासायिक क्षमता बढ़ाने का भी काम करेगा . हालांकि, वक्त का पहिया जैसे घूमा यहां दर्जनों गुलाब जामुन की दुकानें खुल गई. इससे इस इलाके की तस्वीर तो बदली ही, इसके साथ ही सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिला. यहां के गुलाब जामुन 6 रुपये पीस से लेकर 20 रुपये पीस तक और 160 से 400 रुपये किलो तक बिकता है. गुलाब जामुन की बिक्री बढ़ने से यहां के दूध व्यवसाय को भी काफी बढ़ावा मिला है.

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भी कर चुके हैं तारीफ 

यहां के शुद्ध घी के बने इस गुलाब जामुन के स्वाद की तारीफ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी कर चुके हैं, वे इसके स्वाद के बेहद मुरीद हो गये थे.  यहां के गुलाब जामुन के स्वाद की दिग्गज नेताओं ने भी तारीफ की है. जिसमे लालू यादव, शिबू सोरेन, अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन,  यशवंत सिन्हा, जयंत सिन्हा भी है. जब भी वे इस रूट से गुजरते हैं, यहां के गुलाब जामुन खाने से पीछे नहीं हटते. हालांकि, वक्त के साथ यहां भी बदलाव हुआ है, गुलाब जामुन के साथ अब यहां तरह-तरह की मिठाइयां भी बनने लगी हैं, जिनमें खीरमोहन, राजभोग, हीरामणि, पेड़ा, कलाकंद, समेत अन्य मिठाइयां और नमकीन भी शामिल हैं.

Published at:19 Oct 2023 07:47 PM (IST)
Tags:Former PM Atal Bihari Vajpayee eating Gulab JamunPM Atal Bihari Vajpayee eating Gulab Jamunhazaribaj gulab jamuntatijharia gulab jamunfamous methai hazarbagfamous gulab jamun hazaribagtatti jharia gulab jamunगुलाब जामुन टाटीझरियाहजारीबाग का फेमस टाटीझरिया
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