दुमका (DUMKA): बड़ी बेबाकी से अपनी बातें रखने के लिए जाने जाने वाले पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा दुमका पहुंचे. परिसदन में उन्होंने प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता की शुरूआत ही उन्होंने सिदो कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह में सरकार द्वारा स्थापित सिदो कान्हू की प्रतिमा पर सवाल खड़े कर दिया. उन्होंने कहा कि जो स्टेच्यू लगाया गया है. उसका शक्ल सिदो कान्हू से मेल नहीं खाता है. सिदो कान्हू की वास्तविक तस्वीर कोलकाता के ब्रिटिश लाइब्रेरी में सुरक्षित एक मैगजीन में है. उस तस्वीर को मॉडल मानते हुए स्टेच्यू बनाया जाए लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने यह नहीं किया.
राज्य सरकार पर साधा निशाना
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अलग राज्य बने 23 वर्ष होने को है, लेकिन इन वर्षों में संताल परगना की तस्वीर ऐसी बदली कि यह 6 जिलों में बंट गया. संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम का भी उल्लंघन हुआ. झारखंड के परिदृश्य में देखें तो गैर आदिवासी सीएम के रूप में 5 वर्षों तक रघुवर दास रहे बाकी सभी सीएम आदिवासी बने. लेकिन यहां की तस्वीर और यहां के लोगों की तकदीर नहीं बदली. आदिवासियों की दुर्दशा के लिए आदिवासी नेता ही जिम्मेदार हैं.
लोकतांत्रिक व्यवस्था हो चुका है फेल
वर्ष 1980 में शिबू सोरेन पहली बार दुमका से सांसद बने, बाद में विधायक बने फिर कोयला मंत्री भी बने. सत्ता में रहकर सत्ता सुख भोगा, लेकिन आदिवासियों के लिए कुछ भी नहीं किया. इसलिए अब अलग संथाल परगना राज्य की मांग उठने लगी है और वे इसका समर्थन करते हैं. उन्होंने तर्क दिया एक असम को काटकर 7 राज्य बनाया जा सकता है. तो आबादी के लिहाज से वर्तमान झारखंड में संथाल परगना का अलग महत्व है. यहां संथाल हूल हुआ. संथाल हूल के बाद एक डीसी और एसपी यहां हुआ करते थे लेकिन वर्तमान समय में संताल परगना को 6 जिलों में बांट दिया गया है. छिन्न-भिन्न कर दिया गया है. एसपीटी एक्ट लागू नहीं हुआ. सरकार ने संविधान की मान मर्यादा को नहीं रखा. ईडी की छापामारी, सीबीआई की जांच, कोर्ट की टिप्पणी मतलब लोकतांत्रिक व्यवस्था यहां फेल हो चुका है और इसलिए मांग है कि वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बर्खास्त किया जाए और यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो. राष्ट्रपति शासन में ईडी और सीबीआई ऊपर से नीचे तक जांच कर सभी घोटाले का पर्दाफाश करें.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में झामुमो और कांग्रेस के सहयोग से निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा मुख्यमंत्री बन बैठा. 2 वर्षों तक रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार किया. 4,500 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ. वर्तमान में एक लाख करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है. पूजा सिंघल का भ्रष्टाचार, आईएएस आईपीएस की छवि खराब करने वाले छवि रंजन का भ्रष्टाचार, मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का भ्रष्टाचार जगजाहिर है. इसलिए यहां सिस्टम पूरी तरह से फेल नजर आ रही है.
झारखंड में अली बाबा चालीस चोर की सरकार
सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि यहां के नौजवानों के लिए खतियान आधारित स्थानीय नीति बने, भाषा नीति बने, नियोजन नीति बने. लेकिन जब नौजवान ये मांग करते हैं तो यहां उनपर डंडा चलाया जाता है. सरकार निरंकुश हो गई है. लोकतंत्र में वार्ता ही समाधान का एकमात्र सशक्त माध्यम है, लेकिन यहां छात्र जब विधानसभा का घेराव करते हैं तो उनके ऊपर लाठियां बरसाई जाती है. वार्ता के लिए आवास पहुंचते हैं तो डंडा चलाया जाता है. झारखंड बंद करते हैं तो छात्रों और युवाओं के ऊपर केस ला दिया जाता है. इसलिए आज इन युवाओं का समर्थन करते हैं. अभिभावक के रूप में इनका मार्गदर्शन कर रहे हैं. अब बर्दाश्त से बाहर की बात है इसलिए विकल्प के रूप में राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र उपाय बचा है. उन्होंने कहा कि यह सरकार ठेकेदार, बिजोलिया और लुटेरों की सरकार है. यानी कहे तो अली बाबा चालीस चोरों की सरकार है.
राज्य में होगा एक औऱ हूल
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर 15 नवंबर 2023 तक संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम लागू नहीं हुआ, पेसा कानून लागू नहीं हुआ, संताल भाषा लागू नहीं हुआ तो 1 जनवरी 24 से नारा लगेगा संताल परगना को अलग राज्य घोषित करो. इसलिए सरकार 15 नवंबर 2023 तक स्थानीय नीति तय करें, नियोजन नीति बनाए, सीएनटी एसपीटी एक्ट लागू करे, भाषा नीति बनाए. अगर नहीं तो यहां प्रेजिडेंट रूल लागू हो. 1 जनवरी 2024 से जो पुराना संताल परगना था, जिसे अलग-अलग जिलों में बांट दिया गया, उसे मिलाकर अलग संताल परगना राज्य बनाने की मांग को लेकर एक और हूल होगा.
किंग मेकर बनकर युवा नेताओं को देंगे ट्रेनिंग
उन्होंने घोषणा की वे वर्ष 2024 में ना तो वे लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और ना ही विधानसभा चुनाव. किंग बनने के बजाय किंग मेकर बनना है. आज जो युवा आंदोलन कर रहे हैं तमाम नेतृत्व कर्ताओं को एक मंच पर लाकर फ्रेश लीडरशिप फेयर पॉलिटिक्स के सिद्धांत पर इन युवाओं को नेताओं की ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि वर्ष 2024 में यहां की तस्वीर को बदला जा सके. जेएमएम गठबंधन को उखाड़ फेंकना है तो बीजेपी गठबंधन को यहां से भगाना है. तीसरा विकल्प झारखंडी खतियानी मोर्चा बन गया है. 6 महीने तक नेताओं का ट्रेनिंग चलेगा और ट्रेनिंग सूर्य सिंह बेसरा देगा.
रिपोर्ट. पंचम झा