रांची(RANCHI): बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी को हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद शुक्रवार को रिहा हो गई हैं. पूर्व विधायक को बेल मिलने पर निर्मला देवी के पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, पुत्री और बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, पुत्र अंकित राज, छोटी पुत्री अनुप्रिया समेत परिजनों ने होटवार जेल पहुंचकर निर्मला देवी का स्वागत किया.
रांची (एमपी/एमएलए) की कोर्ट ने सुनाई थी सजा
एनटीपीसी से बड़कागांव वासियों को उचित हक और अधिकार दिलाने के लिए आंदोलन में हुई गोलीबारी मामले में पूर्व विधायक निर्मला देवी को रांची (एमपी/एमएलए) की कोर्ट ने सजा सुनाई थी. झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों बेल दिया था और कोर्ट ने उन्हें निचली अदालत में बेल बांड भरने के बाद रिहा करने का निर्देश दिया था.
न्यायलय पर था भरोसा
जेल से निकलने पर पूर्व विधायक निर्मला देवी ने कहा कि न्यायालय पर पूरा भरोसा और विश्वास था कि मुझे और मेरे पूरे परिवार को न्याय अवश्य मिलेगा. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार और कंपनी के अधिकारियों ने साजिश के तहत मेरे परिवार को फंसाने का कार्य किया है.
मेरा परिवार कभी पीछे नहीं हटा: योगेंद्र साव
मौके पर योगेंद्र साव ने कहा कि बड़कागांव वासी हमारे परिवार हैं और उनके लिए कुछ भी करना पड़े, उसके लिए मेरा परिवार कभी पीछे नहीं हटा है. मेरी पत्नी निर्मला देवी जैसी एक साधारण महिला को भी कंपनी और पूर्ववर्ती सरकार की मिलीभगत से जेल की सजा झेलनी पड़ी. बड़कागांव वासियों के लिए और उनके हक और अधिकार रोजगार, मुआवजा इत्यादि के मामले पर बड़कागांव वासियों की आवाज बनने पर कंपनी के अधिकारियों ने मेरी पत्नी पर झूठा केस कर बड़कागांव वासियों के आवाज को कुचलने का प्रयास किया.
जेल की यातनाएं
विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि वर्षों के बाद हमारा परिवार पूरा हुआ है, इससे अच्छी ख़ुशी कुछ नहीं हो सकती. बड़कागांव विधानसभा क्षेत्रवासियों के हक और अधिकार के लड़ाई में मेरे पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और माता पूर्व विधायक निर्मला देवी ने बगैर अपनी और परिवार की परवाह किए क्षेत्रवासियों के लिए जेल गए, कई वर्षों तक उन्हें जेल की यातनाएं झेलनी पड़ी.
जनता ने मुझे परिवार का स्नेह दिया
विधायक ने कहा कि मेरे माता पिता के कदमों पर मैं भी बड़कागांव विधानसभा वासियों की सेवा में मेरा जीवन विधानसभा वासियों के लिए समर्पित है. क्षेत्रवासियों के लिए, उनके हक अधिकार और न्याय मिले उसके लिए हमारे परिवार ने बलिदान दिया है और कभी हम लोग कभी पीछे नहीं हटेंगे. विधायक ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब मेरे घर में कोई नहीं रहता था तो मुझे क्षेत्र जाने पर अपने घर में ताला लगा कर जाना होता था, लेकिन एक दिन भी मैंने घर पर आराम नहीं किया, सदैव क्षेत्रवासियों के हित के लिए दिन-रात क्षेत्र में बनी रहती थी. जिस तरह से मेरे माता पिता के घर में नहीं रहने पर विधानसभा की जनता ने मुझे परिवार का स्नेह दिया उसके लिए मैं नतमस्तक हूँ.