धनबाद(DHANBAD): झारखंड के पूर्व मंत्री और मजदूर नेता बच्चा सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए. बनारस घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके भतीजे ने मुखाग्नि दी. पैतृक आवास सहित धनबाद के काफी संख्या के लोग बनारस घाट पर मौजूद थे. सोमवार को बच्चा बाबू का धनबाद के अस्पताल में निधन हो गया था. बच्चा बाबू फिलहाल जनता मजदूर संघ (बच्चा गुट ) की अगुवाई कर रहे थे. वह झरिया से विधायक रह चुके थे. एक समय में सिंह मेंशन का स्तंभ हुआ करते थे. पहली बार 1991 में विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 1995 में भी वह चुनाव हार गए लेकिन 2000 में पहली बार विधायक बने. उसके बाद बाबूलाल मरांडी की सरकार में मंत्री बनाए गए. बच्चा बाबू के भाई सूर्यदेव सिंह भी झरिया विधानसभा से विधायक रह चुके थे. उन्होंने झरिया विधानसभा का लगातार चार बार प्रतिनिधित्व किया.
सूर्यदेव सिंह 1977 में पहली बार विधायक बने. उसके बाद 1990 तक लगातार विधायक रहे. आरा लोकसभा से भी किस्मतआजमाएं लेकिन परिणाम आने के पहले उनका निधन हो गया था. वह लोकसभा चुनाव हार गए थे. उसके बाद झरिया विधानसभा सीट से 1991 में बच्चा बाबू उपचुनाव चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव हार गए. फिलहाल झरिया सीट से बच्चा बाबू के भाई की बहू पूर्णिमा नीरज सिंह विधायक है. कोयलांचल के कई उतार-चढ़ाव और कई घटनाओं के बच्चा बाबू गवाह रहे थे. विनोद सिंह हत्याकांड में फिलहाल उनके भाई रामधीर सिंह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं लेकिन इसी केस में बच्चा बाबू को कोर्ट ने बेकसूर बताकर रिहा कर दिया था. बच्चा बाबू सूर्यदेव सिंह के छोटे भाई थे. विक्रमा सिंह, सूर्यदेव सिंह, बच्चा सिंह, राजन सिंह और रामधीर सिंह, इन पांचों भाइयों में बच्चा सिंह तीसरे स्थान पर थे.