रांची(RANCHI ): पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हुई है.दरअसल झारखंड प्रदेश कमेटी के ‘आ अब लौट चलें’ अभियान के तहत उनकी घर वापसी हो गई है.यह जानकारी खुद गीताश्री उरांव ने गुरुवार को दी थी.उन्होंने कहा था कि 28 अक्टूबर को वह कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की उपस्थिति में फिर कांग्रेस का दामन थामेंगी और आज झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की उपस्थिति में गीताश्री उरांव ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने गीताश्री उरांव का पार्टी में किया स्वागत
झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने गीता श्री उरांव के घर वापसी को लेकर कहा कि अब संगठन को और मजबूती मिलेगी ,क्योंकि गीताश्री उरांव कई विषयों को लेकर काफी मुखर रहती है. लेकिन मुझे अब तक यह जानकारी नहीं मिली कि आखिर गीताश्री उरांव ने कांग्रेस क्यों छोड़ा था? लेकिन अब गीताश्री उरांव कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन कर ली है तो अब आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेंगी.
गीताश्री उरांव ने कांग्रेस की विचारधारा का किया समर्थन
पूर्व शिक्षा मंत्री गीता श्री उरांव ने लगभग 1 साल पहले कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था,उस वक्त गीताश्री उरांव ने कई विषय को लेकर कहा था कि कांग्रेस पार्टी मुखरता से सभी विषयों को लेकर अपनी आवाज नहीं रख पाती है.साथ ही उस वक्त गीताश्री उरांव ने कहा था कि पहले "माटी फिर पार्टी"लेकिन घर वापसी के बाद गीताश्री उरांव ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा का मैं समर्थन करती हूं. कांग्रेस मुखरता से अपनी आवाज उठाती है और जिस तरीके से मैं अपनी आवाज कई विषय को लेकर उठती हूं जैसे 1932, नियोजन नीति स्थानीय नीति जैसे कई मुद्दों को लेकर मैं इस संगठन से भी अपनी आवाज इसी तरीके से उठाऊंगी और मैं उम्मीद करुंगी कि कांग्रेस पार्टी मेरा सहयोग करेगी.
कौन हैं गीताश्री उरांव
गीतश्री उरांव कार्तिक उरांव की पुत्री है.बता दे कि गुमला जिला अंतर्गत सिसई विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं.गीताश्री उरांव राज्य की शिक्षा मंत्री भी रह चुकी है. गीताश्री ने झारखंड में बाहरी भाषा को ज्यादा तबज्जो और झारखंडी भाषा के हक-अधिकार छीनने जैसा बताकर विरोध किया था. बता दें कि गीताश्री उरांव के पति पूर्व आईपीएस अधिकारी अरुण उरांव भी पहले कांग्रेस में थे. लेकिन बाद में उन्होंने भी कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है.आज भी वे भाजपा में हैं.
कांग्रेस छोड़ने के बाद गीताश्री ने भाजपा में जुड़ने से किया था इन्कार
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि आने वाले समय में गीताश्री किसी पार्टी को ज्वाइन कर सकती है, उस वक्त सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि वैचारिक रूप से भाजपा को सही नहीं मानती हैं. उनके सिद्धांत और नीतियों में भाजपा कहीं नहीं है. वह झारखंड के सवालों पर फिलहाल अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के साथ जुड़ कर काम करेंगी.
कांग्रेस कि विचारधारा को लेकर गीतश्री ने उठाया था सवाल
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गीताश्री उरांव ने मीडिया से बातचीत दौरान बताया था कि वह जनता के साथ न्याय नहीं कर पा रही थीं. कांग्रेस मुद्दों से भटक गयी है और वह भारी मन से पार्टी छोड़ रही हैं.अभी पार्टी के जो हालात हैं, उसमें मुद्दों पर बात नहीं हो रही है. गीताश्री ने कहा था कि कि कांग्रेस पार्टी में कोई झंडा ढोने के लिए नहीं होता है. राज्य में ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन पर पार्टी ने कोई स्टैंड नहीं लिया.
2022 जनवरी में कांग्रेस से दिया था इस्तीफा
जनवरी 2022 में गीताश्री उरांव ने कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ा था. बता दें कि सोनिया गांधी को संबोधित पत्र में गीताश्री उरांव ने कहा था कि प्रदेश की सरकार और सरकार में शामिल उनकी पार्टी झारखंडी जनभावना के अनुरूप काम नही कर रही है. आगे उन्होंने कहा था कि मैं भारी मन से इस्तीफा दे रही हूं. जानकारी दे दें कि गीताश्री उरांव विधानसभा सीट से विधायक रही है और प्रदेश की सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं.