धनबाद(DHANBAD):झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने मोर्चा संभाल लिया है. गिरिडीह में सभा के बाद बुधवार को वह साहिबगंज में थी. साहिबगंज में आजसू के केंद्रीय महासचिव एमपी राजा अपने समर्थकों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हुए. एमपी राजा के झारखंड मुक्ति मोर्चा में पुनः वापसी के बाद कल्पना सोरेन ने भावुक स्वर में कहा कि राजा भैया इस दुख की घड़ी में पार्टी के साथ खड़े हुए हैं. क्षेत्र हित एवं समस्याओं के निदान के लिए उनकी यह बहन सदैव उनके साथ खड़ी रहेगी. अपने संबोधन में कल्पना सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार ने हेमंत सोरेन जी को जेल भेज कर न सिर्फ परिवार से उन्हें अलग किया है, बल्कि झारखंड के करोड़ों शोषितों की आवाज को भी दबाने का प्रयास किया है. उनके भाषण में तल्ख टिप्पणी थी .उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं से कहा कि सीट बेल्ट लगाकर पूरी तरह से कमर कस लें, क्योंकि अब बीजेपी की हवा टाइट करने का समय आ गया है.
कल्पना सोरेन ने कहा कि बीजेपी आदिवासियों को दबाने का काम कर रही है
कल्पना सोरेन ने कहा कि बीजेपी आदिवासियों को दबाने का काम कर रही है. हम आदिवासी और झारखंडी दिल्ली वालों से डरने वाले नहीं है. बीजेपी ने पूर्व में हमारे ससुर शिबू सोरेन जी को भी परेशान कर चुकी है. अब हमारे पति हेमंत सोरेन और झारखंड की जनता को परेशान कर रही है.लेकिन हम लोगों का आत्मविश्वास दृढ़ है. इसलिए बीजेपी को मुंहतोड़ जवाब देंगे. गिरिडीह के बाद साहिबगंज में कल्पना सोरेन के कथन से यह साबित हो गया है कि बीजेपी के खिलाफ झारखंड में इंडिया गठबंधन के साथ चुनावी अभियान में जुटेगी. वैसे हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के पहले गिरिडीह की गांडेय सीट को खाली कराकर प्रयास यह किया गया था कि कल्पना सोरेन को ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी विरासत सौंप दें.लेकिन इसमें मामला उलझ गया.
कल्पना राज्य की राजनीति करेगी या केंद्र की राजनीति इस पर लोगों की टकटकी लगी हुई है
फिर चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बनाए गए. संथाल परगना झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ रहा है .दुमका लोकसभा सीट भी झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए हमेशा से प्रतिष्ठा का प्रश्न रहा है. ऐसी स्थिति में दुमका लोकसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा का कौन प्रत्याशी होगा, इसको लेकर लोगों की निगाहें टिकी हुई है. सवाल उठता है की कल्पना सोरेन राज्य की राजनीति करेगी या केंद्र की राजनीति इस पर भी लोगों की टकटकी लगी हुई है. दुमका सीट पर बीजेपी ने पुराने प्रत्याशी पर ही दाव लगाया है जबकि राजमहल सीट पर बीजेपी ने पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को प्रत्याशी बनाया है. यह सेट अभी झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास है और विजय हंसदा यहां से सांसद हैं .कुल मिलाकर एनडीए और इंडिया गठबंधन में संथाल परगना की लड़ाई दिलचस्प होगी. ऐसी उम्मीद की जा रही है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो