गढ़वा(GARHWA): गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड क्षेत्र में करीब एक दर्जन सरकारी विद्यालय हैं. लेकिन विद्यालय तक पहुंचने के लिए कोई भी सड़क नहीं है, जबकि कई स्कूलों का स्थापना हुए लगभग 64 साल गुजर गए है. फिर भी विद्यालय तक पहुंचने के लिए छात्रों को सड़क नहीं मिल पाई. वहीं सड़क के अभाव के कारण शिक्षकों और छात्रों को विद्यालय पहुंचने में खेतों के मेढ़ों का सहारा लेना पड़ रहा है
खेतों में बने मेढ़ का सहारा ले रहे विद्यार्थी
बता दें कि बैरियादामार का उत्क्रमित मध्य विद्यालय जो बिलकुल खेत के बीच में है और बच्चे इसी स्कूल में पहुंचने के लिए खेतो में बने मेढ़ का सहारा ले रहे है. कभी-कभी तो खेत के रास्ते विद्यालय जा रहे बच्चों और शिक्षकों को किसानों की ओर से मना भी कर दिया जाता है. जिससे छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को विद्यालय पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं.
सड़क के अभाव में घुटन सा महसूस
वहीं इस मामले में उत्क्रमित मध्य विद्यालय बौलिया के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र राम ने कहा कि इस विद्यालय तक पहुंचने के लिए किसी भी ओर से कोई सड़क नहीं है. जबकि कई बार सड़क की मांग के लिए अंचल कार्यालय से लेकर विभागीय कार्यालय तक लिखित शिकायत की गई हैं उन्होंने बताया कि 1959 में इस विद्यालय का स्थापना हुआ था, फिर 2006 में इसको उत्क्रमित करके कक्षा आठवीं तक किया गया. जिससे छात्र छात्राओं की संख्या भी बढ़ गई. लेकिन आज तक सड़क बनाने के लिए न तो, पंचायत के जनप्रतिनिधियों और न संबंधित विभाग के लोगों के द्वारा प्रयास किया गया. आज भी सड़क के अभाव में हम लोग घुटन सा महसूस करते हैं.
बरसात में जूता चप्पल हाथ में पकड़कर विद्यालय जाना पड़ता
वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय बैरियादामार के प्रधानाध्यापक अंबिका माझी ने बताया कि यह विद्यालय सन 1959 में स्थापित हुआ था. परंतु अभी तक यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि और सरकार की उदासीनता के कारण विद्यालय तक सड़के नहीं पहुंच सकी हैं. उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में जूता चप्पल हाथ में पकड़कर विद्यालय जाना आना पड़ता है.
जल्द बनाई जाएगी सड़क, शिक्षा पदाधिकारी
वहीं इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी आकाश कुमार ने बताया कि हमलोग इसकी जांच कर डेटा मांगा गया है. उन्होंने कहा कि जिले के वैसे कई विद्यालय है, जहां सड़क नही है. उन सभी की लिस्ट तैयार कर विभाग को भेजा जाएगा और जल्द ही सड़क बनाई जाएगी.