धनबाद(DHANBAD) | एकल गौ ग्राम योजना का पहला अखिल भारतीय कुंभ धनबाद की किस्मत में आया है. इस योजना के जरिए यह कोशिश की जा रही है कि भारतीय देसी गायों के नस्ल को बचाया जाए. किसी न किसी कारण से देसी नस्ल के गाय, बछड़े खत्म हो रहे है. हल -बैलों की खेती समाप्त हो रही है. खेतों के लिए आवश्यक उर्वरक गोबर , गोमूत्र की कमी हो गई है. दूध नहीं देने वाली बूढ़ी गाये गौशालाओं में अस्वाभाविक जीवन जीने को विवश है. या फिर कत्लखाने में जा रही है. अगले कुछ सालों में देसी नस्ल की गायों को कैसे बचाया जाए और फिर से जैविक खेती शुरू हो , इसका प्रयास अखिल भारतीय कुंभ में किया जा रहा है. धनबाद के लोगों ने कार्यक्रम के दूसरे दिन भी ग्रामीण परिवेश के दर्शन किये.
तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश -विदेश के लोग भी
शनिवार से शुरू हुए तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में देश-विदेश के लोग पहुंचे हुए है. आज ग्रामीण क्षेत्र के काफी संख्या में लोग धनबाद पहुंचे और कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उत्साह आज भी चरम पर दिखा. क्या पुरुष, क्या महिलाएं, क्या बच्चे, क्या ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले लोग, सभी उत्साह से लबरेज थे. रविवार को कुंभ के दूसरे दिन सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया. इसमें धनबाद जिले में चल रहे एकल विद्यालय के गांव से हजारों गोपालक व किसानों ने भाग लिया. कुंभ की तैयारी ऐसी की गई है कि देखने वाले लोग भी पहुंच रहे है. एकल गौ ग्राम कुंभ का कार्यक्रम स्थल पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश में ढला हुआ दिख रहा है. यहां एकल ग्राम उत्थान फाउंडेशन अपने विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगाया है. प्रदर्शनी में गाय के गोबर से बनी अगरबत्ती, दीया समेत अन्य उत्पादों के स्टाल लगाए गए है. कुल मिलाकर धनबाद की मिट्टी इस कार्यक्रम से धन्य हो रही है और लोग भी आयोजिकों की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो