दुमका (DUMKA) : 24 फरवरी 2023 से दुमका के ऐतिहासिक हिजला मैदान में राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव चल रहा है. 3 मार्च को मेला का समापन होगा. 1890 से लगने वाले पूरी तरह आदिवासी सभ्यता और संस्कृति पर आधारित इस मेले में अब आधुनिकता की झलक भी देखने को मिल रही है. कोरोना काल के पहले से ही मेला में आकर्षण का केंद्रआदिवासी बालाओं द्वारा रैंप वाक रहा है. इस वर्ष भी जनजातीय फैशन शो का आयोजन किया गया. जहां आदिवासी बाला रैंप पर कैट वॉक करती नजर आयीं. परंपरागत परिधान में आदिवासी बालाओं के रैंप वॉक पर दर्शकों ने जमकर तालियां बजाई. फैशन शो को देखने काफी संख्या में लोग हिजला मेला मैदान में एकत्रित हुए थे. फैशन शो को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कमेटी गठित की गई थी. इसके लिए 80 प्रतिभागियों के चयन किया गया था. जिन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया था. जिसमें उनके चाल, भाव-भंगिमा और आत्मविश्वास बढ़ने के टिप्स दिए गए थे. प्रशिक्षण देने के लिए रांची और दुमका के पेशेवर महिला मॉडल मौजूद थी. आत्मविश्वास से लवरेज प्रतिभागियों ने राजकीय जनजाति हिजला मेला महोत्सव के मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. निर्णायक मंडली द्वारा विजेता की घोषणा की गई. सफल प्रतिभागी को पुरष्कृत किया गया.
बालाओं ने दिखाई प्रतिभा
सचमुच प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं होती. संथाल परगना प्रमंडल जैसे पिछड़े इलाके से रैंप पर कैटवॉक करती आदिवासी बालाओं की प्रतिभा देखकर लोग दंग रह गए. जरूरत है इन प्रतिभाओं को निखारने की ताकि इनके सपनों को पंख लग सके और मॉडलिंग को यह अपना कैरियर के रूप में सवार सकें.
रिपोर्ट : पचंम झा, दुमका