टीएनपी डेस्क (TNP DESK) झारखंड में 63 हजार पारा टीचर्स को कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ देने की कवायद जारी है . फिलहाल , यह मामला लंबित है. तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ माहतो ने इसे लेकर प्रस्ताव कैबिनेट में लाने की स्वीकृति प्रदान कर दी थी. अब वित्त सचिव से रिपोर्ट मांगी गई है.
पारा शिक्षकों की मांग
पारा शिक्षकों की मांग रही है कि उन्हें भी ईपीएफ का लाभ मिले, इसे देखते हुए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने पारा शिक्षकों के अलावा, बीआरपी, सीआरपी तथा कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को ईपीएफ का लाभ देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया था. इस प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजे जाने से पहले, इसे राज्य कार्यकारिणी समिति के समक्ष रखा गया, तो इस पर वित्त सचिव से रिपोर्ट मंगाने का निर्णय लिया गया.
राज्य बजट से खर्च करने का प्रस्ताव
पारा शिक्षकों और अन्य कर्मियों को ईपीएफ का फायदा देने को लेकर तैयार प्रस्ताव में कहा गया कि हरेक को 1,950 रुपये के हिसाब से नियोक्ता का अंशदान देने पर सालाना 152.10 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस खर्च का वहन राज्य बजट से करने का प्रस्ताव था. कर्मचारी अंशदान संबंधित पारा शिक्षक और अन्य कर्मियों के मानदेय से कटौती कर किया जाना था. हालांकि, पारा शिक्षकों को दुर्घटना बीमा, जीवन बीमा की सुविधा देने का मामला विचाराधान है.