जमशेदपुर(JAMSHEDPUR):सरायकेला ज़िले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में भीषण जल संकट और व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ शनिवार को भाजपा द्वारा जनाक्रोश मार्च के साथ विशाल धरना प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शन में निगम क्षेत्र की जनता बाल्टी और तसला के साथ शामिल हुई. बता दे कि आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में भीषण गर्मी में लोग बूंद-बूंद पानी को मोहताज है. वहीं इस मामले के तहत भाजपा आदित्यपुर फुटबाल मैदान में एकत्रित होकर बर्तन और बाल्टी के साथ पदयात्रा करते हुए आदित्यपुर नगर निगम कार्यालय पहुंच कर वहां जम कर हंगामा किया. भाजपा के ओर से किए जा रहे उग्र आंदोलन को देखते हुए नगर निगम कार्यालय के गेट को निगम प्रशासन ने बंद कर दिया. जबकि अधिकांश निगम के प्रशासनिक अधिकारी कार्यालय से नदारत दिखे. बता दे कि भाजपा द्वारा घोषित किए गए इस विरोध मार्च में पूर्व पार्षदो समेत नगर निगम के पूर्व डिप्टी शामिल रहे.
नगर निगम के 5 वर्षों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही जल संकट ने लिया भयावह रूप
मौके पर डिप्टी मेयर ने कहा कि आदित्यपुर नगर निगम में 5 वर्षों का इनके कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही जल संकट ने भयावह रूप ले लिया है .पूर्व में पार्षदों द्वारा क्षेत्र में जल संकट की समस्या को देख कर नगर निगम प्रशासन पर दबाव डालकर जलापूर्ति जैसे समस्याओं को दूर किया जाता था. लेकिन अब नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारी कान में तेल डालकर सोए हुए हैं. डिप्टी मेयर ने कहा कि इनके कार्यकाल में 24 हज़ार लीटर के 6 टैंकरों से पूरे निगम क्षेत्र में जलापूर्ति हो रही थी.लेकिन अब 1 टैंकर ही बचा हुआ हैं. उन्होंने बताया कि पेयजल पाइपलाइन योजना समेत सीवरेज ड्रेनेज जैसे आने को योजना पर कार्य कर रहे एजेंसियों की मनमानी बढ़ गई है. इन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिला होने के बावजूद लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं,जो दुखद है.
10 दिनों का दिया अल्टीमेटम, होगा आगे उग्र आंदोलन
भाजपा द्वारा आदित्यपुर नगर निगम घेराव प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं ने नगर निगम प्रशासन को चेतावनी देते हुए समस्याओं के निदान को लेकर 10 दोनों का अल्टीमेटम दिया है.नेताओं ने कहा है कि जनसरोकार समस्या से जुड़े मुद्दों को दूर नहीं किया गया तो आगे नगर निगम प्रशासन और राज्य सरकार के विरुद्ध उग्र आंदोलन किया उन्होंने कहा कि होल्डिंग टैक्स में सरकार ने अप्रत्याशित वृद्धि की है, जो आम आदमी पर बोझ है. मुख्यमंत्री लोगों के साथ भेदभाव कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता सड़क,बिजली,पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मूलभूत सुविधाओं से वंचित है जिसके लिए मुख्यमंत्री और सरकार जिम्मेदार है.