धनबाद(DHANBAD): धनबाद में सरकार की पेट्रोल सब्सिडी योजना से लोगों का लगभग मोहभंग हो गया है. लगातार लाभ लेने वाले लोगों की संख्या घट रही है. राज्य सरकार की पेट्रोल सब्सिडी योजना का लाभ जितने लोगों ने अब तक लिया, उनमें से 75% से अधिक लोगों ने अप्लाई करना बंद कर दिया है. पेट्रोल सब्सिडी योजना की शुरुआत जनवरी में हुई थी. जनवरी में लगभग 11000 लोगों ने योजना का लाभ लिया. कार्ड धारियों के खाते में ₹250 की राशि भेजी गई. फरवरी से ग्राफ घटना शुरू हुआ. अक्टूबर महीने में मात्र 2600 लोगों के खाते में पेट्रोल सब्सिडी की राशि भेजी गई. आंकड़े के मुताबिक बीते 6 माह में मात्र 25% लोग ही सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं. लोगों की रूचि जब घट गई तो पीडीएस के दुकानदारों को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक दुकानदार सब्सिडी लेने वालों के 20-20 फॉर्म भरकर जमा कराएं. जब यह योजना शुरू हुई थी तो एक भ्रम फैल गया था कि सब्सिडी लेने वालों के राशन कार्ड की व्यवस्था बंद हो जाएगी. इस वजह से भी बहुत लोगों ने रूचि नहीं ली. वैसे भी रकम कम होने के कारण लोग इस पचड़े से दूर रहना ही बेहतर समझ रहे है. पेट्रोल की कीमत में जब आग लगी थी तो झारखंड सरकार ने कर घटाने के बजाय एक नई योजना की शुरुआत कर लोगो का ध्यान भटकाने की कोशिश की. उस समय इस योजना को लोगों का ध्यान भटकाने की बात ही कही जा रही थी. सरकार पर दबाव बढ़ रहा था कि वह पेट्रोल डीजल पर टैक्स को कम करें, टैक्स कम करने के बजाय सरकार ने एक नया रास्ता ढूंढ निकाला और लोगों के आक्रोश को कम करने के लिए सब्सिडी योजना की शुरुआत की. उस समय इसका बहुत जोर शोर से प्रचार किया गया था लेकिन धीरे-धीरे योजना के प्रति सरकार भी गंभीर नहीं रही, उपभोक्ता तो गंभीर अब रहे नहीं. ऐसे में यह योजना कारगर साबित नहीं हो पा रही है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद