धनबाद(DHANBAD): कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने सदस्यों को अधिक और स्थिर इंटरेस्ट रेट देने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. संगठन रिजर्व फंड बनाने की तैयारी कर रहा है. जिससे कि शेयर बाजार में सभी तरह के उतार-चढ़ाव के बीच पीएफ खाते में जमा धनराशि पर निश्चित ब्याज दिया जा सके. सूत्र बताते हैं कि फंड बनाने को लेकर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अधिकारी अध्ययन कर रहे है. बता दें कि ईपीएफओ ,पीएफ फंड का कुछ हिस्सा बाजार में निवेश करता है. कई बार संगठन को निवेश पर कम रिटर्न मिलता है. जिसका नुकसान सीधे तौर पर ईपीएफओ सदस्यों को भी उठाना पड़ता है. जब शेयर बाजार में तेज उतार -चढ़ाव होता है तो इसका असर ईपीएफओ को मिलने वाली धनराशि पर भी पड़ता है. कम रिटर्न की स्थिति में पीएफ की ब्याज दरों में कटौती करनी पड़ती है.
फिलहाल ब्याज दर 8.25 प्रतिशत मिल रहा
फिलहाल ब्याज दर 8.25 प्रतिशत मिल रहा है. ईपीएफओ की योजना है कि ऐसा फंड तैयार किया जाए, जो निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को स्थिर रख सके. इससे सदस्यों को स्थिर दर पर ब्याज देने में मदद मिलेगी. सूत्र बताते हैं कि प्रस्तावित योजना के तहत हर साल अर्जित ब्याज से कुछ राशि अलग कर एक रिजर्व फंड बने , जिसका उपयोग किसी भी वर्ष निरंतर और स्थिर ब्याज दर सुनिश्चित करने के लिए किया जा सके. बता दे कि ईपीएफओ अपने आईटी सिस्टम 3-0 पर भी काम कर रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य खाता धारकों की फंड तक पहुंच आसान बनाना और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना है. इसके पूरा होने के बाद ईपीएफओ बैंकिंग सिस्टम की तर्ज पर काम करने लगेगा. आपातस्थिति में आवश्यकता होने पर सदस्य एक निश्चित धनराशि की निकासी कर सकते है.
EPFO से जुड़े सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ रही
एक आकड़ें के अनुसार नवंबर 2024 में, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों की संख्या 7.37 करोड़ थी. वित्तीय वर्ष 2023-24 में, ईपीएफ़ओ के सदस्यों की संख्या में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ईपीएफ़ओ, भारत सरकार के श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है.दूसरी ओर कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPF0 )का अस्तित्व ही खत्म करने की मांग अब उठने लगी है. कोल माइंस पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामानुज प्रसाद की मांग है कि सीएमपीएफओ का कोल् इंडिया लिमिटेड में विलय कर दिया जाए और अंशदाता की पेंशन आदि की व्यवस्था कोल इंडिया लिमिटेड करे. इस प्रकार करने से अंशदाता की जमा राशि का 4% प्रशासनिक खर्च भी बचेगा और अंशदाताओं को राशि भी समय पर मिल जाएगी. उन्होंने कहा है कि कोयला खान भविष्य निधि संगठन की स्थापना भारत सरकार के श्रम और नियोजन मंत्रालय के अधीन हुई थी. जिसका उदेश्य अंशदाता का हित सुनिश्चित करना था.लेकिन अब पेंशनरो को परेशानी हो रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो