धनबाद(DHANBAD): धनबाद में भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता की खाली कुर्सी ने धनबाद कलेक्ट्रिएट की शिफ्टिंग का काम रोक रखी है. काम पूरा नहीं होने के कारण धनबाद का डीसी ऑफिस धैया रोड में शिफ्ट नहीं हो पा रहा है. नए भवन के अधिकांश काम हो गए हैं. कुछ काम रुके पड़े हैं, फंड के कारण काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं. यहां 26 करोड़ की लागत से फेज वन का काम चल रहा है. 21 मई 2022 को भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रिटायर हो गए हैं. इतने दिनों बाद भी सरकार ने कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग नहीं की है.
DMFT फंड से हो रहे निर्माण कार्यो का भी हाल - बेहाल
सूचना के अनुसार दो माह पहले धनबाद के उपायुक्त ने ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता को भवन प्रमंडल का प्रभार देने के लिए विभाग को पत्र लिखा था. लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. नतीजा हुआ है कि धनबाद में DMFT फंड से बहुत सारे काम हो रहे हैं. 26 सरकारी स्कूलों का निर्माण चल रहा था लेकिन फिलहाल बंद है. ठेकेदारों ने पेमेंट नहीं मिलने के कारण एक-एक कर काम को रोक दिया है. धनबाद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SNMMCH में भी लगभग दो करोड़ की योजनाएं चल रही है. इन योजनाओं में ऑक्सीजन प्लांट बैठाने जैसी महत्वपूर्ण योजना भी शामिल है. लेकिन यहां भी काम को गति नहीं मिल पा रही है. लगभग एक सौ करोड़ से अधिक की सरकारी योजनाएं बारी-बारी से बंद होती जा रही है. कार्यपालक अभियंता के नहीं रहने से भुगतान नहीं मिल रहा है, नतीजा है कि ठेकेदार आधा-अधूरा काम छोड़कर घर बैठ जा रहे हैं.
योजनाएं तो बनती हैं लेकिन क्रियान्वयन के समय फंस जाता है पेंच
धनबाद के बारे में कहा जाता है कि यहां योजनाएं तो तीव्र गति से बनती हैं लेकिन जब उनकी क्रियान्वयन का समय आता है तो कोई न कोई पेंच फंस जाता है. नतीजा होता है कि योजनाएं आधी-अधूरी रह जाती है, सक्रियता के अभाव में कई भवन निर्माण के बाद भी हैंड ओवर नहीं हो पाते. धनबाद के जनप्रतिनिधि, अधिकारियों के साथ एक टीम बनाकर सभी प्रखंडों का सर्वे करें तो सैकड़ों आधे-अधूरे काम दिख जाएंगे, जो छोटी-मोटी तकनीकी कारणों से पुरे नहीं हो पा रहे है. उन भवनों की सूची भी मिल जा सकती है, जो तैयार होने के बाद भी हैंड ओवर नहीं हो रहे हैं. ऐसा होने से काम की गुणवत्ता की भी जांच हो जाएगी और इससे धनबाद का बहुत भला होगा.
रिपोर्ट: शांभवी, धनबाद