सरायकेला(SARAYKELA):सरायकेला जिला के चांडिल में गजराज का आतंक बढ़ गया है. शाम ढलते ही जंगल से निकल कर ये गांव में प्रवेश कर जाते हैं. गरीब किसान के कच्चे मकान को क्षतिग्रस्त कर रखे हुए अनाज को अपना निवाला बना लेते हैं. साथ ही गरीब किसान द्वारा खेतों में लगाए फसल और सब्जी को भी क्षतिग्रस्त कर देते हैं. फसल की बर्बादी होती है लेकिन मुआवजा समय पर नहीं मिलता. जिसके कारण ग्रामीण वन विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं
बुंडू रेंज के चोगा गांव में 7 से8 हाथी की झुंड विचरण करते देखा गया
आज बुंडू रेंज के चोगा गांव में दो घरों को हाथी द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके साथ ही हाथी बरेंदा जंगल में भी डेरा डाले हुए है. पांच हाथियों के झुंड को गोदाशोल गांव से होकर जंगल की ओर जाते देखा गया. जिसके बाद से ग्रामीण दहशत में है .
चांडिल रेंज के नीमडीह थाना क्षेत्र के कुमारी में मौजूद है हाथी ,
बीते रात्रि हाथी ने अंडाहुटु गांव के निवासी शिवशंकर दास और तापस पौदार की घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और रखे अनाज को अपना निवाला बना लिया. एक समय था की यहां नक्सल क्षेत्र होने के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया था. गांव के ग्रामीण गांव छोड़कर शहर में रहने पर मजबूर थे. और आज के समय में हाथी एक बड़ी समस्या बन गया . झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों में हाथी सेंचुरी छोड़ कर गांव के आसपास डेरा डाले हुए है . क्योंकि जंगल की अवैध रूप से कटाई और आग लगना साथ ही पानी और पोष्टिक भोजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने के कारण वन्य जीव जंतु सेंचुरी छोड़ कर पलायन करके गांव में डेरा डाले हुए है, और उपद्रव मचा रहे हैं.
ग्रामीण अपनी जान डाल रहे जोखिम में
सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी से गजराज पलायन करके ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में डेरा डाले हुए है . ग्रामीण अपने और परिवार की सुरक्षा को देखते हुए खुद जान जोखिम में डाल कर हाथी को भगाते है . सुरक्षा के तौर पर मशाल,टाईगर टॉर्च ,पटाखे लेकर बरसात के मौसम में भीगते हुए हाथी भगाने लगते है. चांडिल में लोग हाथियों के आतंक से काफी परेशान हैं. गांव के आक्रोशित लोग वन विभाग से कार्रवाई के साथ मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं लेकिन वन विभाग कोई सुध नहीं ले रहा.
रिपोर्ट वीरेंद्र मण्डल