गढ़वा(GARHWA): चार राज्यों से घिरा हुआ होने के कारण गढ़वा जिले में अन्य राज्यों के जंगलों से भी जंगली जानवर आते रहते हैं. ऐसे में इस बार हाथियों के झुंड ने गढ़वा को अपना बसेरा बना लिया है. हाथियों के इस झुंड ने न केवल यहां डेरा डाला है बल्कि क्षेत्रों में जमकर उत्पात भी मचा रहे हैं. हाथियों के झुंड ने अब तक पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. इतना ही नहीं, सौ से अधिक पशुओं और घरों को नुकसान भी पंहुचा चुके हैं. वहीं, हाथियों के बढ़ते उत्पात को देखते हुए वन विभाग ने लोगों से अलर्ट रहने की अपील की है. हाथियों को भगाने के लिए वन विभाग बंगाल से स्पेशल टीम बुला रही है.
छः प्रखंड के लोग सबसे ज्यादा भयभीत
गढ़वा जिले के छः प्रखंड रंका, चिनियां, रमकंडा, भंडरिया, बढ़गढ़, धुरकी में सबसे ज्यादा जंगली हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है. इन छः प्रखंड के लोग सबसे ज्यादा परेशान और भयभीत हैं. वहीं, इन हाथियों को दूसरे जंगल में भेजने के लिए वन विभाग ने भी बंगाल के स्पेस्लिस्ट टीम से संपर्क किया है. जिले के इन इलाकों में लगभग 200 की संख्या में हाथी मौजूद है. हाथियों के इस झुंड में नर हाथी, मादा, युवा और छोटे-छोटे बच्चे शामिल हैं. जिसमें सबसे ज्यादा आक्रामक नर हाथी या झुंड से निकाले गए हाथी है, जो मानव, पशु, घर, खेत-खलिहान को नुकसान पंहुचा रहे हैं. इतना ही नहीं, ये हाथी अब सड़कों पर मस्ती से घूम भी रहे हैं, जिससे राहगीर भी डरे सहमे हुए हैं.
फसलों को रौंद कर बर्बाद कर रहे हाथी
वहीं, रमकंडा प्रखंड क्षेत्र में पिछले चार दिनों से इन हाथियों के झुंड का उत्पात जारी है. बीती रात हाथियों का झुंड गोबरदाहा की ओर से निकलकर रमकंडा प्रखंड मुख्यालय के खेतों तक पहुंच गया. जिसके बाद हाथियों के झुंड ने खूंटी टोला, बैरदामर सहित अन्य क्षेत्रों में पहुंचकर एक दर्जन किसानों के खेतों में धान व मकई की फसलों को रौंद कर बर्बाद कर दिया. इसके अलावा स्थानीय ग्रामीण जिनमें राजकुमार साव, प्रयाग लाल व सत्यनरायण सिंह का घर भी क्षतिग्रस्त कर दिया. साथ ही सत्यनारायण सिंह के एक बछड़े को हाथियों ने पटककर मार डाला. जिसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गये और वन विभाग से तत्काल मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग करने लगे. हाथियों के इस आतंक से ग्रामीणों मे खौफ का माहौल है और वन विभाग के प्रति आक्रोशित भी है.
पश्चिम बंगाल के टीम से आएगी स्पेशल टीम- डीएफओ
वहीं, गढ़वा दक्षिणी के डीएफओ एबीन बेनी अब्राहम ने कहा कि, हाथियों का झुंड आक्रमक हो गया है और उत्पात मचा रहे हैं. इसलिए विभाग ने पश्चिम बंगाल के टीम से संपर्क साधा है ताकि इन हाथियों को भगाया जा सके. डीएफओ ने कहा की ये हाथी अभी हिंसक हो गए हैं, ज्यादातर नर हाथी जिनके दांत निकले हुए हैं, जिन्हे टस्कर कहा जाता है वे अभी हिंसक है. क्योंकि, इनके साथ इनके छोटे-छोटे बच्चे भी है. उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि हाथी को छेड़े नहीं वरना हाथी ज्यादा हिंसक हो जाएंगे.