धनबाद (DHANBAD) : एक तो झारखंड में बिजली संकट से उपभोक्ता त्राहि-त्राहि कर रहे है. दूसरी ओर बिजली कर्मचारियों ने 4 अप्रैल से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. यह आंदोलन राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले होगा. यूनियन के महामंत्री राम कृष्णा सिंह ने कहा कि हड़ताल की जानकारी महाप्रबंधक सहित मुख्यालय को दे दी गई है. कर्मचारियों को आश्वासन के बावजूद प्रोन्नति नहीं दी गई है. पहले आश्वासन दिया गया था कि जिन कर्मचारियों की प्रोन्नति अवधि पूरी हो गई है, उन्हें प्रमोशन दे दिया जाएगा. बावजूद अभी तक कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि प्रबंधन पदोन्नति कमेटी बनाकर कर्मियों को लॉलीपॉप थमा दिया है. इस संबंध में विद्युत अधीक्षण अभियंता से बातचीत हुई लेकिन कोई असर नहीं हुआ. कर्मचारी 20 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत है, जबकि बहुत तेजी से अधिकारियों को प्रोन्नत किया जा रहा है.
रिकॉर्ड राजस्व वसूली के बावजूद डिमांड नहीं हो रहा पूरा
रिकॉर्ड राजस्व वसूली के बावजूद 6% ऊर्जा भत्ता के एवज में केवल ₹1000 अंतरिम सहायता की मांग की गई थी. वार्ता भी हुई थी लेकिन प्रबंधन इस पर कान में तेल डालकर सोया है. कई जगहों पर सहायक विद्युत अभियंता के पद रिक्त है. एक ही अभियंता तीन चार जगहों के चार्ज में थे लेकिन प्रोन्नति लेकर दूसरे जगह कार्यभार संभाल लिए. लेकिन उन जगहों पर दूसरे की पोस्टिंग नहीं की गई. कनीय विद्युत अभियंताओं का भी यही हाल है. एक कनीय अभियंता तीन तीन जगहों के चार्ज में है, फिर वह काम कैसे करेंगे. जबकि डिग्री और डिप्लोमा लिपिक का काम कर रहे है. इस विषम परिस्थिति में भी वह काम कर रहे हैं बावजूद उनकी उपेक्षा की जा रही है. इन सबके कारण कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. लाचार होकर 4 अप्रैल की सुबह 6 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना कर्मचारियों की लाचारी हो गई है. अगर कर्मचारी हड़ताल पर चले गए तो बिगड़ी बिजली व्यवस्था और बिगड़ जाएगी. देखना है इस संबंध में आगे क्या कुछ होता है.