धनबाद(DHANBAD) | धनबाद की सड़कों पर रविवार को एक अच्छी पहल दिखी. एकल श्रीहरि गो ग्राम योजना के तहत शहर के लावारिस और बेसहारा गोवंश और गायों को पकड़ा गया और फिर गौशाला को सुपुर्द कर दिया गया. रविवार को कुल आठ गाय पकड़ी गई. इन्हें वाहनों में लादकर गौशाला पहुंचाया गया. धनबाद के स्टील गेट, सरायढेला इलाके से गाये पकड़ी गई. निगम इसमें पूरा सहयोग दे रहा है. गो ग्राम योजना के तहत तैयारी यह है कि पकड़ी गई गायों को 15 दिनों तक गौशाला में रखा जाएगा. अगर उसे लेने के लिए उसके मालिक पहुंचते हैं, तो उनसे जुर्माना लेकर गाय वापस कर दी जाएगी.
अगर मालिक नहीं आते तो फिर हैंडओवर लेगी टीम
अगर कोई नहीं आता है तो 15 दिनों के बाद एकल के लोग फिर से उस गाय को हैंडोवर लेंगे और किसानों को देंगे. इसके पीछे महती योजना है. यह योजना अगर सफल हुई तो इसे बहुत अच्छी पहल की श्रेणी में रखा जा सकता है. गो ग्राम योजना के सदस्यों का कहना है कि गौ माता को आज नहीं बचाया गया तो कल हम भी नहीं बचेंगे. सड़क पर गो वंश आज की तारीख में एक बड़ी समस्या बन गए है. दुर्घटना का एक बड़ा वजह भी है. इतना ही नहीं, लोग पशु तो पाल लेते हैं लेकिन फिर जब वह दूध देना बंद कर देती है, तो उन्हें सड़क पर छोड़ देते है. ऐसे में कूड़ा और प्लास्टिक खाकर गाये मर भी जाती है. एकल बहुत दिनों से इस योजना को मूर्त रूप देने का प्रयास कर रहा था.
निगम से अनुमति लेकर शुरू हुआ अभियान
निगम से परमिशन मिलने के बाद 8 अक्टूबर से इस अभियान की शुरुआत करने का निर्णय लिया गया और आज रविवार को इस अभियान की शुरुआत की गई. गाय पकड़ने वालों में एकल के सदस्य ही थे. गोवंश को पकड़ने में सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा था. धनबाद की सड़कों पर आवारा साड़ो का भी गजब आतंक है. निगम उन्हें पकड़ने के लिए एक प्राइवेट एजेंसी के साथ करार किया था, लेकिन किन्हीं कारणों से वह फेल कर गया. गो ग्राम योजना के तहत सिर्फ गाये और गोवंश पकड़े जाएंगे. साड़ अभी भी निठल्ला विचरण करते रहेंगे और लोगों की जान तक लेते रहेंगे. इस पर भी निगम को सोचने की जरूरत है. एकल को भी इस पर कुछ विचार करना चाहिए. कोई रास्ता निकालना चाहिए, ऐसा लोगों का मानना है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो