टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-उत्तराकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिकों मजदूरों की जान जोखिम में है, पिछले 15 दिनों से ज्यादा वक्त से जिंदगी की जंग बचाने के लिए चल रही है. प्रधानमंत्र नरेन्द्र मोदी के प्रमुख सचिव भी पहुंच गये है. जो बचाव दल के काम के साथ कई तमाम चिजों का जायजा लेंगे. हालांकि, इस दौरान उनके रेस्क्यू की राह में कई तरह की अड़चने सामने आ रही है. जो मशीनें खोज बचाव के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचाई जा रही हैं, उन्हें सिलक्यारा पहुंचने में बदहाल सड़कों से जिल्लत झेलनी पड़ रही है. हालांकि, इसके बावजूद भी रेस्क्यू जारी है, लगातार कोशिशे जारी है. जल्द ही इनके बाहर निकलने की उम्मीदें बरकार है.
24 से 36 घंटे में निकल जायेंगे मजदूर !
सरुंग से 41 जिंदगियों को बचान के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होनी है. इसमें रैट माइनर की टीम के साथ सेना इंजीनियरिंग रेजीमेंट भी सहयोग करेगी. बीआरओ के फार्मर इंजीनियरिंग चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि अगर कोई बाधा नहीं आई तो, 24 से 36 घंटे के अंतराल में सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा..
मजदूरों की सेहत ठीक
चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को लगातार पाइप के जरिए खान पहुंचाया जा रहा है. उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी रखी जा रही है. उनका मनबोल को लगातार बढ़ाया जा रहा है ताकि किसी तरह की नाकारात्मक चिजे घर नहीं कर सके. आपको बता दे काली सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 15 झारखंड के रहने वाले श्रमिक है. इसे लेकर हेमंत सरकार पहले से ही अपने अफसरों को वहां भेज चुकी है. ताकि किसी तरह की कोई परेशानी रेस्क्यू के दौरान नहीं हो सके. एकबार बाहर निकलने के बाद और मेडिकली फिट होने पर झारखंड के मजदूरों को देहरादून से रांची के लिए एय़रलिफ्ट किया जाएगा.